नई दिल्ली: कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से बातचीत के लिए केंद्र सरकार तैयार हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता बूटा सिंह के मुताबिक, उनके पास गृह मंत्री अमित शाह का उनके पास फोन आया था, जिसमें कहा गया कि सरकार बातचीत के लिए आज शाम तक उनके पास चिट्ठी भेज देगी। हालांकि उन्होंने साफ किया हैं कि किसान बिना किसी शर्त के सरकार से बात करेंगे।
बूटा सिंह ने कहा कि अगर आज ऑफर आ जाता है तो कल सरकार के साथ बातचीत हो सकती है। इस बैठक की अध्यक्षता खुद गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सरकार से तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग करेंगे। इसके साथ ही बिजली कानून वापस लेने और जो महंगा डीजल हो रहा उसकी कीमत घटाने की मांग करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद 24 घंटे से भी कम समय में दूसरी बार गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सूत्रों ने बताया कि कल रात शाह ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के दिल्ली स्थित घर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तोमर से मुलाकात की।
हजारों किसानों ने दिल्ली-हरियाणा सीमा पर नए कृषि कानूनों के खिलाफ पांचवें दिन भी अपना प्रदर्शन जारी रखा। गाजीपुर सीमा पर विरोध प्रदर्शन करने वालों की संख्या बढ़ गई, जिससे पुलिस को कंक्रीट के अवरोधक लगाने पड़े और उत्तर प्रदेश से जुड़ने वाले सीमा बिंदु पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाले राजमार्गों को अवरुद्ध करने की धमकी के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
इससे पहले किसानों ने दिल्ली से गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद को जोड़ने वाले पांच राजमार्गों को अवरुद्ध करने की धमकी दी है। रविवार तक, केवल सिंघु सीमा और टिकरी सीमा को किसानों ने अवरुद्ध कर दिया था। जिन तीन प्रवेश बिंदुओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है वे जयपुर-दिल्ली राजमार्ग हैं जो गुरुग्राम को दिल्ली से जोड़ता है, हापुड़-दिल्ली राजमार्ग जो दिल्ली को गाजियाबाद से जोड़ता है और मथुरा-दिल्ली राजमार्ग जो फरीदाबाद को दिल्ली से जोड़ता है।
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