मनीष कुमार, नई दिल्ली: संसद के मॉनसूत्र सत्र में किसानों से जुड़े तीन बिलों के पास किये जाने पर पंजाब के किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिये कृषि सचिव सजंय अग्रवाल ने 30 किसान यूनियनों के प्रतिनिनिधिमंडल के साथ कृषि मंत्रालय में बैठक बुलाई। बुधवार दिन में 12 बजे बैठक शुरु हुई, लेकिन बैठक शुरु होने के बाद केंद्र सरकार के आश्वासनों और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की बैठक में गैरहाजिरी से नाराज होकर सभी किसान बैठक को बायकॉट कर मंत्रालय से बाहर निकल आये।
किसान नेता कृषि सचिव के साथ बैठक से असंतुष्ट नजर आये। करीब 50 से ज्यादा की संख्या में आये किसान कृषि भवन के सामने धरने पर बैठ गये और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इन किसानों ने नाराज होकर तीनों कृषि कानून से जुड़े बिल की कॉपी को भी फाड़ दिया।
नाराज किसानों के मुताबिक तीनों कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन तबतक जारी रहेगा जबतक सरकार उसे वापस नहीं ले लेती। किसान नेताओं के मुताबिक अब इस आंदोलन को पंजाब के बाद हरिय़ाणा में भी शुरु किया जाएगा। इन किसान नेताओं ने कहा है कि अब वे किसी से भी मिलने दिल्ली नहीं आयेंगे। बल्कि सरकार की ओर से जिसे भी बात करना है उनके पास आकर बात करना होगा।
बैठक में शिरकत करने आये किसानों का साफ कहना है कि संसद से पारित कानून के जरिये सरकार ने किसानों को कॉरपोरेट्स के रहमोकरम पर छोड़ दिया है। किसानों को आशंका है कि उन्हें इस कानून के चलते एपीएमसी के जरिये न्यूनत्तम समर्थन मुल्य का लाभ नहीं मिलेगा।
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