नई दिल्ली: हाल ही औरंगाबाद के डॉक्टर अल्ताफ शेख का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण ने उनका वीडियो ट्वीटर पर साझा किया था। साथ ही उन्हें फोन कर नेक काम की बधाई भी दी थी। एक तरफ जहां फ्रांस की घटना और शायर मुनव्वर राणा का बयान चर्चा में बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर सामने आए इस वीडियो ने सांप्रदायिक सद्भाव की एक मिसाल पेश की है।
इस वीडियो में डॉ. अल्ताफ शहीद की मां को गले लगा रहे हैं। वीडियो में दिखाई दिया कि डॉक्टर, शहीद की मां और उनके पास बैठी महिला भावुक हैं और रो रहे हैं।
अब इस बारे में मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के यूरो सर्जन डॉ. शेख ने बताया है कि शांताबाई सूरद बेहद गरीब हैं और गुर्दे से संबंधित बीमारी के कारण तकलीफ में थीं। उन्होंने कहा, उन्हें अपनी जरूरी सर्जरी के लिए पैसे की जरूरत थी।
उनके एक बेटे की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जबकि एक अन्य जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सात साल पहले शहीद हो चुका है। मैंने अस्पताल प्रबंधन से इस बारे में बात की। मैंने प्रबंधन से कहा कि यदि उनका मुफ्त इलाज किया जा सके। शहीद बेटे की पेंशन उनकी विधवा पत्नी के पास चली जाती है और शांताबाई के पास आय का कोई स्रोत नहीं है। ऐसे में उनकी मदद बेहद जरूरी थी। डॉक्टर ने कहा, उनके डिस्चार्ज के समय, वह बहुत भावुक थीं, इसलिए हमारी भी आंखें नम हो गईं और हम सभी रोए।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इस वीडियो को ट्वीटर पर शेयर कर देश की सेवा करने वाले और बलिदान देने वाले जवानों के प्रति कृतज्ञ रहने का संदेश दिया है।
उन्होंने वीडियो शेयर कर लिखा, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक डॉक्टर ने एक शहीद की मां के इलाज की फीस लेने से मना कर दिया। वीडियो में डॉक्टर शहीद की मां को डिस्चार्ज करते वक्त लगे लगाते दिख रहे हैं, जिसके चलते वह भावुक हो गई हैं। इसके साथ ही उनके पास बैठी एक अन्य महिला भी भावुक होते दिख रही है।
चव्हाण ने लिखा, औरंगाबाद के डॉ. अल्ताफ एक बुजुर्ग महिला का इलाज कर रहे थे, जब उन्हें मालूम चला कि वह एक शहीद जवान की मां हैं, तो उन्होंने इलाज की फीस लेने से इनकार कर दिया। चव्हाण ने आगे लिखा कि "देश की सेवा में लगे नायकों के प्रति उनकी इस भावना को देखकर मैंने खुद उन्हें फोन कर उनकी सेवा और संवेदनशीलता के लिए उनका शुक्रिया अदा किया है।
मंत्री की ओर से शेयर किए गए इस वीडियो और डॉ.अल्ताफ की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि- हमें उन पर गर्व है और अभी भी सच्चे भारतीयों के दिलों में इंसानियत जिंदा है। एक यूजर ने लिखा इस तरह के इंसानियत भरे नेक काम करते देख हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा है।
इस वीडियो के बारे में बिलासपुर आईजी आईपीएस दीपांशु काबरा ने लिखा, #शहीद की मां ने एक बेटा खोया है, लेकिन उसके 135 करोड़ बेटे बेटी और भी हैं। हम सभी को, देश के लिए कुर्बानी देने वाले शहीदों के परिवार का ध्यान रखने की प्रेरणा डॉक्टर साहब से लेनी चाहिए।
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