नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों के विरोध पर विवादास्पद ’टूलकिट’, जिसे गलती से ट्वीट किया गया था और बाद में वैश्विक जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग द्वारा हटा दिया गया था, उसको वकील-सह-कार्यकर्ता निकिता जैकब और उनके सहयोगियों शांतनु व दिशा रवि द्वारा बनाया गया था। इस मामले में 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिश को दिल्ली पुलिस ने शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था।
दिल्ली पुलिस ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि तीनों कनाडा स्थित प्रो-खालिस्तान समूह, पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) से जुड़े थे, जिसका संस्थापक धालीवाल हैं। दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के संयुक्त पुलिस आयुक्त प्रेम नाथ ने प्रेस को बताया कि उनके द्वारा की गई जांच में पाया गया है कि तीनों ने संबंधित टूलकिट दस्तावेज बनाया था।
उन्होंने कहा, ''27 नवंबर से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की तीन सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी, 2021 को ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई थी। 26 जनवरी की घटना के बाद बड़ी संख्या में फर्जी समाचारों के प्रचलन, छेड़छाड़ या संपादित वीडियो और भ्रामक प्रचार सोशल मीडिया पर देखे गए।''
पुलिस ने कहा, ''4 फरवरी को हमे सोशल मीडिया पर एक Google दस्तावेज़ टूलकिट मिला। हमने पाया कि यह प्रो-खालिस्तान समूह, पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाया गया था। इसके एक हिस्से में एक्शन पॉइंट्स का उल्लेख किया गया था और 26 जनवरी को हैशटैग के माध्यम से डिजिटल स्ट्राइक, 23 जनवरी को ट्वीटस्टॉर्म और 26 जनवरी को कार्रवाई का उल्लेख किया था। दस्तावेज़ के दूसरे भाग में योग और चाय जैसी भारतीय सांस्कृतिक विरासत के विघटन व विभिन्न राजधानियों में भारतीय दूतावासों को लक्षित करने का उल्लेख किया गया है।''
पुलिस अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में देखे गए टूलकिट और भौतिक घटनाक्रम में उल्लेखित बिंदु स्पष्ट रूप से बताते हैं कि टूलकिट एक्शन प्लान को नकल के तौर पर बनाया गया था। नाथ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की थी और इस मामले को CYPAD ने अपनी साइबर सेल को यह काम सौंपा था।
जांच के दौरान टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट की जांच की गई। टूलकिट के संपादकों में से एक निकिता जैकब के खिलाफ 9 फरवरी को अदालत से एक सर्च वारंट प्राप्त किया गया था।
पुलिस के अनुसार, मुंबई पुलिस द्वारा गहन सूचना के बाद 11 फरवरी को उसकी अनुपस्थिति में दिल्ली में निकिता के आवास पर दिल्ली पुलिस की एक टीम द्वारा तलाशी ली गई थी। दो लैपटॉप और एक फोन को जब्त कर लिया गया था और तीनों डिवाइस से जानकारी को फिर से प्राप्त किया गया था।
वकील ने कहा कि निकिता को अगली सुबह उनके घर पर उपलब्ध होने के लिए कहा गया था और उन्होंने लिखित हामी भरी थी। पुलिस ने कहा, ''यह पता चला है कि निकिता और उनके सहयोगियों शांतनु और दिशा ने टूलकिट दस्तावेज़ बनाया था। शांतनु द्वारा बनाया गया ईमेल खाता दस्तावेज़ का मालिक है, जबकि अन्य सभी इसके संपादक हैं।''
PJF कनेक्शन
दिल्ली पुलिस के अनुसार, पुनीत नाम की एक महिला जो कनाडा की रहने वाली है, तीनों व्यक्तियों को PJF से जोड़ा और उनके माध्यम से टूलकिट दस्तावेज बनाया, जिसका शीर्षक फामर्स ग्लोबल किसान स्ट्राइक एंड ग्लोबल डे ऑफ एक्शन, 26 जनवरी है।
नाथ ने कहा कि निकिता और शांतनु ने 11 जनवरी को पीजेएफ द्वारा आयोजित एक जूम बैठक में भाग लिया था, जिस दौरान 'कार्रवाई के वैश्विक दिन' के तौर-तरीकों पर काम किया गया था। उन्होंने कहा कि 11 जनवरी की ज़ूम मीटिंग में 60 से 70 लोग शामिल हुए थे।
पुलिस ने बताया ''निकिता, शांतनु और दिशा ने टूलकिट का मसौदा तैयार करने में सहयोग किया। निकिता के उपकरणों से प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर टीमों को महाराष्ट्र के बीड जिले और बेंगलुरु भेजा गया। बीड में शांतनु अपने घर पर नहीं मिला था। अगली सुबह जब पुलिस की एक टीम निकिता के आवास पर पहुंची, तो वह फरार हो गई थी। हम दोनों को खोज रहे हैं और दोनों के लिए एनबीडब्ल्यू ले लिया है।''
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