नई दिल्ली: स्वीडन की एनवायरमेंट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की है। किसान आंदोलन को लेकर भड़काऊ ट्वीट करने पर ग्रेटर के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ग्रेटा पर धारा 153A और 120B के तहत FIR दर्ज की गई है।
ग्रेटा के एजेंडा का खुलासा तब हुआ जब उसने गलती से प्रचार उपकरण किट साझा कर दी, जिसमें भारत के कृषि कानूनों पर दुनिया भर में विरोध प्रदर्शनों के लिए अभियान की रणनीति शामिल थी। दरअसल, ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में किए गए अपने ट्वीट में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल खड़े किए थे। ग्रेटा ने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक सीक्रेट डॉक्युमेंट शेयर किया।
इस डॉक्युमेंट में ग्रेटा थनबर्ग ने बताया है कि कैसे किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाना है। इसमें भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कार्ययोजना साझा की गई थी और पांच चरणों में दबाव बनाने की बात कही गई थी। ग्रेटा ने डॉक्युमेंट शेयर करते हुए इसे टूलकिट बताया।
उन्होंने लिखा था कि अगर आपको मदद चाहिए, तो ये रही टूलकिट। हालांकि ग्रेटा ने अपना पुराना ट्वीट डिलीट कर दिया है। अब ग्रेटा ने नया ट्वीट करके अपडेटेड प्लान जारी किया है। नये टूलकिट में ग्रेटा ने 26 जनवरी को विदेश और भारत में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन का प्लान हटा दिया है।
नये ट्वीट में ग्रेटा ने लिखा है कि अगर आप मदद करना चाहते हैं, तो ये अपडेटेड टूलकिट है। पिछला डॉक्यूमेंट हटा दिया है, क्योंकि ये पुराना था। ग्रेटा के अलावा कई विदेशी सेलिब्रिटीज ने ट्वीट किए, जिसमें रिहाना, मिया खलीफा और कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस भी शामिल थीं।
वैश्विक विरोध के पीछे कनाडा का पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन
कृषि कानूनों के खिलाफ वैश्विक विरोध के पीछे कनाडा आधारित संगठन है और इसकी वेबसाइट में खालिस्तान अभियान चला रहे हैं और अभियान की फंडिंग कर रहे हैं। PJF ने नागरिक संशोधन अधिनियम, 2019, भारत के COVID-19 को संभालने और देश में जाति उत्पीड़न पर कई आपत्तिजनक बयान दिए हैं।
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