पल्लवी झा, नई दिल्ली : कोरोना महामारी के बीच दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की नर्स यूनियन का अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इससे इस प्रतिष्ठित अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हो रही है। ये लोग 6वें केंद्रीय वेतन आयोग समेत कई अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
इस बीच एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने नर्स यूनियन से अपील की है कि वे कोरोना महामारी के ऐसे वक्त में हड़ताल न करें। साथ ही उन्होंने भरोसा दिया है कि संस्थान ने उनकी मांगों पर विचार करने के लिए तैयार है।
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नर्स यूनियन अब हड़ताल पर चला गया है। वह भी तब जब केवल कुछ महीनों में कोरोना वैक्सीन आने वाली है। मैं सभी नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों से अपील करता हूं कि वे हड़ताल पर न जाएं, वापस काम पर लौट आएं और काम करें और हमें महामारी से बचाने में मदद करें।
साथ ही डॉ. गुलेरिया ने कहा कि नर्स संघ ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन और सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने की असंगतता से जुड़ी हुई है।
आपको बता दें कि छठे सीपीसी की मांग के अलावा नर्स भर्ती में लैंगिक आरक्षण को खत्म करने और अनुबंध पर नियुक्तियां बंद करने आदि की भी मांग कर रहे हैं। निदेशक को लिखे पत्र में संघ ने कहा कि एम्स प्रशासन ने ठोस उपाय नहीं किए और छठे केंद्रीय वेतन आयोग से जुड़ी उनकी मांगों को खारिज कर दिया गया।
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