मनीष कुमार, नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन से जारी तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में बयान दिया। राज्यसभा में बयान देते हुए राजनाथ सिंह ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि चीन को किसी भी तरह की साजिश से बाज आना चाहिए। राजनाथ सिंह ने गलवान और पैंगोंग की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे चीनी सैनिक घुस आए थे। साथ ही उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों को हमारे सैनिकों ने हर जगह हर मोर्चे पर करारा जवाब दिया है। राजनाथ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर चीन अपनी नापाक हरकत से बाज नहीं आता है तो उसे इसका भारी खामियाजा भुगतना होगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि चीन की कथनी और करनी में फर्क है। चीन ने पेट्रोलिंग में बाधा डाली, इसलिए हिंसक झड़प हुई। उन्होंने कहा कि हमारी सेना हर मुकाबले से निपटने में सक्षम है। सेना के शौर्य की प्रशंसा की जानी चाहिए। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हुए। पीएम मोदी ने लद्दाख में जाकर जवानों का हौसला बढ़ाया। मैंने भी लद्दाख का दौरा करके जवानों का उत्साह बढ़ाया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि 'मैं सदन से यह अनुरोध करता हूं कि हमारे वीर जवानों की वीरता और बहादुरी की प्रशंसा करनी चाहिए। हमारे बहादुर जवान अत्यंत मुश्किल परिस्थतियों में अपने अथक प्रयास से समस्त देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं। मैं देशवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि हमारे आर्म्ड फोर्स के जवानों का जोश और हौसला बुलंद हैं। हमारे जवान किसी भी संकट का सामना करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। इस सदन से दिया गया, एकता और पूर्ण विश्वास का संदेश, पूरे पूरे विश्व में गूंजेगा और हमारे जवान, जो कि चीनी सेनाओं से आंख से आंख मिलाकर अडिग खड़े हैं, उनमें एक नए मनोबल, ऊर्जा व उत्साह का संचार होगा।'
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'पिछले कई दशकों में चीन ने बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी शुरू की है। जिनसे बॉर्डर एरियाज में उनकी डिप्लॉयमेंट क्षमता बढ़ी है। इसके जबाव में हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इंफ्रास्टक्चर विकास के लिए बजट बढ़ाया है, जो पहले से लगभग दुगुना हुआ है।'
रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि 'चीन औपचारिक सीमाओं को नहीं मानता। उसकी कथनी और करनी में फर्क है। वह लगातार उकसावे की कार्रवाई कर रहा है। चीन ने LAC की यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। उन्होंने आगे कहा कि 'दोनों देशों शांतिपूर्वक सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच कई तरह से समझौते हुए हैं। इस आधार पर 1998 के बाद द्विपक्षीय संबंधों में काफी सुधार हुआ है लेकिन चीन तथा भारत का सीमा प्रश्न अभी तक अनसुलझा है।'
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