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नई दिल्ली: कोरोना महामारी की तीसरी लहर और ओमिक्रॉन वेरिएंट की बढ़ते खतरे के बीच भारत में फ्रंटलाइन वर्कर्स, हेल्थकेयर वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोरोना वैक्सीन के 'प्रीकॉशनरी डोज' की शुरुआत कर दी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी सार्वजनिक करते हुए कहा है कि- पहले दिन पात्र आयु वर्ग को 9 लाख से अधिक "एहतियाती खुराकें" दी गईं। आज शाम 7 बजे तक कुल 82 लाख वैक्सीन खुराकें दी गईं, जिससे भारत का कुल टीकाकरण कवरेज 152.78 करोड़ हो गया।
बता दें कि एम्स के निदेशक रणदीप सिंह गुलेरिया ने भी सोमवार से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत 'एहतियाती खुराक' ली है।
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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को अपने भाषण में तीसरे डोज के संबंध में अहम घोषणा की थी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीते दिनों बयान जारी कर कहा था कि जो लोग कोविड -19 वैक्सीन के बूस्टर या 'एहतियाती खुराक' के लिए पंजीकरण करना चाहते हैं, उन्हें कोविन पोर्टल पर नया पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। इस बयान के अनुसार, लाभार्थी सीधे अपॉइंटमेंट ले सकते हैं या किसी टीकाकरण केंद्र में जा सकते हैं और अपना तीसरा शॉट प्राप्त कर सकते हैं।
इस संबंध में जारी किए गए नए निर्देशों के अनुसार, लाभार्थी को एक ही टीका लगाया जाना है और अब तक किसी भी तरह के मिश्रण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि जिन लोगों को कोवैक्सिन की पहली और दूसरी खुराक दी गई थी, उन्हें 'एहतियाती खुराक' के तौर पर उसी वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। जैसे, कोविशील्ड प्राप्त करने वाले लोगों को ही कोविशील्ड लेने की अनुमति होगी।
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