नई दिल्लीः कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार भारत में लगातार बढ़ती ही जा रही है, जिसकी वजह से अभी तक करीब 1.36 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। कोरोना वायरस से देशभर में करीब 93 लाख लोग संक्रमित हो गए है, जबकि सफलता यह है कि अब 87 लाख संक्रमित स्वस्थ होकर घर आ चुके हैं। दुनियाभर में कोरोना महामारी से निपटने को लेकर वैक्सीन पर काम चल रहा है।
भारत में भी कोरोना वैक्सीन वैक्सीन आने की संभावना के बीच लोगों तक कैसे पहुंचाई जाए इस पर गंभीरता से रणनीति तेयार की जा रही है। सरकार टीका देने वाले कर्मचारियों की लिस्ट बना रही है जो अगले वर्ष 2021 के शुरुआती महीनों में 30 करोड़ देशवासियों को टीका लगाएंगे। फिर बाकी आबादी को भी सिलसिलेवार तौर पर वैक्सीन दिया जाएगा।
अभी सार्वजनिक क्षेत्र में 70 हजार टीकाकर्मी हैं और निजी क्षेत्र के 30 हजार टीकाकर्मियों को भी अभियान में शामिल किए जाने की संभावना निकाली जा रही है। इनमें डॉक्टर, नर्स और लैब टेक्नीशियन शामिल हैं जो सार्स-कोव2 के खिलाफ बन रही वैक्सीन को रेग्युलेटरों की स्वीकृति मिलते ही इसे लोगों को लगाना शुरू कर देंगे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
- कम रहेगी टीका लगाने की रफ्तार
एक अधिकारी ने बताया कि एक सहयोगी के साथ कोई कुशल प्रशिक्षित टीकाकर्मी हर घंटे 20 से 25 लोगों को टीका लगा सकता है। हालांकि, कोरोना वैक्सीन लगाने की रफ्तार थोड़ी कम रहेगी। 70 हजार सरकारी टीकाकर्मी व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा हैं। इनमें ज्यादातर कोविड टीकाकरण अभियान के पहले चरण का हिस्सा बन जाएंगे। तब स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चों पर तैनात अन्य कर्मियों को टीके लगाए जाएंगे।
वहीं, सीआईआई के एक सीनियर ऑफिसर ने कहा, 'द नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर कोविड-19 ने हाल में फिक्की, सीआईआई और कुछ बड़े अस्पताल चेन से संपर्क कर पूछा कि क्या टीकाकर्मियों को विशेष प्रशीक्षण देने की जरूरत पड़ेगी?' एक बार टीकाकर्मियों की लिस्ट तैयार हो जाने पर इसे कोविन डेटाबेस पर अपडेट कर दिया जाएगा।
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