आदेश सिंह राठौर, नई दिल्लीः कोरोना वायरस को जितना खतरनाक हम समझ रहे हैं, ये वायरस उससे कहीं ज्यादा हानिकारक है। यह तो साफ है कि कोरोना इंसान के लिए जानलेवा है, लेकिन अब खतरा इससे भी बड़ा है। कोरोना कई बार जान तो नहीं लेता, लेकिन इंसान को जीने लायक भी नहीं छोड़ता। इसके पीछे एक बड़ी वजह है।
कुछ ऐसे केस सामने आए हैं, जिन्होंने कोरोना को लेकर और डर पैदा कर दिया है। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में कोरोना वायरस के चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं। सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर्स की मानें तो कोरोना की वजह से एक खतरनाक फंगस डवलेप हो रहा है। इस फंगस को म्यूकोरमाइकोसिस के नाम से जाना जाता है।
फंगस इंसान के शरीर के लिए कितना हानिकारक है, जानिए
कोरोना वायरस जब इंसान के शरीर में एंट्री करता है तो धीरे-धीरे शरीर में म्यूकोरमाइकोसिस नाम का फंगस पनपने लगता है। पैदा होने के बाद कोरोना मरीज की आंखों की रोशनी चली जाती है। इतना ही नहीं ये फंगस कोरोना मरीज के जबड़े और नाक की हड्डी को भी नुकसान पहुंचाता है।
जबड़े औऱ नाक की हड्ड़ी को खराब कर देता है। अब जो सबसे डरावना तथ्य सामने आया है, जिसके मुताबिक 15 दिनों के अंदर म्यूकोरमाइकोसिस फंगस किसी कोरोना मरीज के दिमाग को नष्ट कर सकता है। इसका मतलब है कोरोना मरीज ब्रेन डेड हो सकता है।
दरअसल कोरोना जब किसी इंसान के शरीर पर हमला करता है तो उसके शरीर की इम्युनिटी कम हो जाती है। इसके बाद म्यूकोरमाइकोसिस फंगस और कोरोना वायरस जब मिलते हैं तो इम्युनिटी की हालत औऱ खराब होती है। ऐसे में शरीर को काफी तेजी से नुकसान पहुंचता है। इस फंगस का असर ऐसे लोगों पर ज्यादा होता है जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।
इससे बचने का उपाय क्या है ?
इसको लेकर सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर्स ने कुछ टिप्स दिए हैं। अस्पताल के सीनियर ENT स्पेशलिस्ट मनीष मुंजाल के मुताबिक आंख और गाल में सूजन हो या नाक बंद हो। नाक में काला क्रस्ट जमा हो तो फौरन बायोप्सी करवाकर इलाज शुरू कर देना चाहिए। अगर सही समय पर ये कदम उठाया जाता है तो फिर ज्यादा नुकसान से बचा जा सकता है।
डॉक्टर्स ने ये भी कहा है कि पहले बायीं नाक बंद हो जाती है और दो दिन के अंदर म्यूकोरमाइकोसिस फंगस की वजह से आंख और गाल सूज जाते हैं। ऐसे में सावधानी के साथ जल्द इलाज ही एक मात्र रास्ता बचता है।
सर गंगाराम अस्पताल में ऐसे कई मरीजों का फिलहाल इलाज भी चल रहा है, जिनमें से कई को लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। कोरोना वायरस को लेकर इन तथ्यों के सामने आने से साफ है कि अभी इस वायरस को लेकर कुछ भी साफ नहीं है।
मतलब ये कैसे रिएक्ट करता है और किस हद तक नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में जरूरी यही है कि नियमों का पालन किया जाए और सावधानी, सतर्कता के साथ कोरोना से बचाव किया जाए।
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