नई दिल्ली : देशभर में कोरोना के खिलाफ जारी अंतिम और निर्णायक लड़ाई के बीच देशभर में जारी कोरोना टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण का आज दूसरा दिन है। इस चरण में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लोगों के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित 45 साल से अधिक उम के लोगों को टीका लगाया जा रह है। इस चरण में अबतक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुला समेत कई बड़े लोग टीका लगवा चुके हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू हुए टीकाकरण अभियान के दूसरे दिन नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूक अब्दुल्ला ने भी टीका लगवाया। फारूक अब्दुल्ला अपनी पत्नी मौली अब्दुल्ला के साथ शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में पहुंचे और ठीका लगवाया। इसके साथ ही 85 साल के फारुक अब्दुला ने संदेश भी दिया कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और सभी आगे आकर अपनी बारी पर टीकाकरण अभियान में भाग लें।
फारुख अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर श्रीनगर SKIMS के डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'श्रीनगर के एसकेआईएमएस पर डॉक्टर, नर्स और स्टाफ को धन्यवाद कहता हूं। आज मेरे 85 साल के पिता और मां ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज ली। मेरे पिता को कई सारी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हैं। अगर उन्हें वैक्सीन लग सकती है तो आपको भी वैक्सीनेशन कराना चाहिए।'
इससे पहले सोमवार को उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें उन लोगों को टीकाकरण के लिए उत्साहित करना चाहिए, जिनकी उम्र ज्यादा हैं क्योंकि उन्हें ज्यादा खतरा है। दरअसल एक सवाल के जवाब में सोमवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि 'मैं 70 साल से ज्यादा उम्र का हूं। आपको मेरी जगह ये (वैक्सीन) युवाओं को देनी चाहिए क्योंकि उन्हें लंबा जीना है। मेरी 10-15 साल की जिंदगी बची है।' इसपर उमर अब्दुल्ला ने कहा था, 'मेरे माता-पिता और उनकी उम्र के लोगों को मुझसे पहले वैक्सीन की जरूरत है और मुझे जेन Y और जेन Z से पहले। यह कोई भावनात्मक बात नहीं है बल्कि सीधे सपाट तथ्यों और साइंटिफिक डेटा पर आधारित है। हमें लोगों को टीकाकरण के लिए उत्साहित करना चाहिए, खासतौर से उन लोगों को जिन्हें ज्यादा खतरा है।'
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