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रमन झा, जयपुर: उदयपुर में चल रहे कांग्रेस चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को पार्टी का पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने की मांग उठी। इसकी मांग करते हुए केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद टीएन प्रतापन ने बड़ी बात यह कही कि कांग्रेस अध्यक्ष को नियमित राजनेता (Consistent leader) होना चाहिए। कांग्रेस में संगठन चुनाव की प्रक्रिया जारी है, इसलिए उदयपुर चिंतन शिविर में कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर औपचारिक चर्चा नहीं होनी है, लेकिन पार्टी नेतृत्व में स्पष्टता की मांग नेता कर रहे हैं। इसी कड़ी में केरल से लोकसभा सांसद ने राहुल के दोबारा कमान संभालने की मांग की।
इससे पहले कांग्रेस वर्किंग कमिटी की तमाम बैठकों में भी वरिष्ठ नेताओं द्वारा राहुल गांधी को दोबारा अध्यक्ष बनाने की मांग की जाती रही है। सूत्रों के मुताबिक मार्च में हुई सिडबी की बैठक में राहुल ने नेताओं को भरोसा दिलाया था कि वो इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को फिर से पार्टी की कमान संभालनी पड़ी।
पार्टी पदाधिकारियों की हो सालाना ऑडिटिंग
कुछ प्रतिनिधियों द्वारा बड़ा और अहम प्रस्ताव ये भी रखा गया है कि महासचिव से लेकर, जिला अध्यक्षों और सांसद-विधायकों और सभी फ्रंटल संगठनों तक सभी के तमाम कार्यक्रमों की सालाना आडिटिंग भी कराई जानी चाहिए।
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ग्रीवांस सेल के गठन को लेकर भी उठी बात
यही नहीं, चिंतन शिविर के दौरान ये प्रस्ताव भी रखा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को एक ग्रीवांस सेल का गठन भी करना चाहिए जो कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मिलकर नेताओं और कार्यकर्ताओं के शिकायतों का निपटारा कर सके। ये सुझाव भी आया है कि कांग्रेस अध्यक्ष को केवल संगठन के नेताओं और कार्यकर्ताओं के अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुप बना कर उसमें अक्सर तमाम मुद्दों पर अपने वीडियो संदेश भेजा करें।
बीजेपी पर लगाया नफरत फैलाने का आरोप
इस चिंतन शिविर की बात करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दो टूक कहा कि संगठन के सामने अभूतपूर्व स्थिति है। उन्होंने कहा कि हमें सुधारों और रणनीति में बदलाव की सख्त जरूरत है। असाधारण परिस्थितियों का सामना असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है। इस दौरान सोनिया गांधी ने अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाते हुए जहां एक तरफ पीएम मोदी की चुप्पी पर निशाना साधा तो वहीं बीजेपी पर देश में नफरत का माहौल बनाने का आरोप भी लगाया।
ये मांग रखी गई है कि कांग्रेस अध्यक्ष हर हफ्ते एक दिन पार्टी के कार्यकर्ताओं से खुद मिले और उनसे संवाद करें। अरसे से कांग्रेस के भीतर ही कई नेता और कार्यकर्ता ये शिकायत करते रहे हैं कि पार्टी अध्यक्ष से वो सालों से मिल नहीं पाए और उनकी बात तक नहीं सुनी जाती है।
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