नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को सीलमपुर और शास्त्री पार्क फ्लाईओवर का उद्घाटन किया। उन्होंने फ्लाईओवर को समय से पूरा होने पर दिल्ली के लोगों और पीडब्लूडी के अधिकारियों को बधाई दी। इसे शुरू होने से रोजाना लाखों लोगों को जाम से राहत मिलेगी। सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 303 करोड़ का फ्लाईओवर 250 करोड़ रुपए में बनाकर पूरा किया गया। ईमानदार सरकार ने दिल्ली की जनता के 53 करोड़ रुपए बचा लिए। आज से सीलमपुर-शास्त्री पार्क फ्लाईओवर जनता को समर्पित है।
सीएम ने कहा कि पहले सरकारी प्रोजेक्ट में बचने वाला पैसा नेताओं की जेब में रिश्वत के तौर पर चला जाता था, जबकि हम हर प्रोजेक्ट में पैसे बचाकर दिल्ली के लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं, दवाइयां और शिक्षा आदि सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। इसलिए आज दिल्ली के लोगों को राष्ट्रीय राजधानी में रहने पर गर्व होता है।
सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों में किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्वी दिल्ली के लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया, पूर्वी दिल्ली के साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया, आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले पांच वर्षों में इस क्षेत्र का बहुत विकास किया है। मैं सीएम बनने से पहले पूर्वी दिल्ली में ही रहता था और यहां की समस्याओं से वाकिफ हूं। इस दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री सतेंद्र जैन और स्थानीय विधायक अब्दूल रहमान समेत पीडब्ल्यूडी के अधिकारी आदि लोग मौजूद रहे।
आईएसबीटी और यूपी बॉर्डर तक का सफर बिना रेडलाइट 10 मिनट में पूरा होगा
सीएम ने कहा, दिल्ली के लोगों और खासकर पूर्वी दिल्ली के यमुनापार के लोगों को बधाई देना चाहता हूं कि शास्त्री पार्क और सीलमपुर के दोनों फ्लाईओवर आज से शुरू होने जा रहे हैं। यहां पर लोगों को बहुत ज्यादा तकलीफ थी। कई-कई घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा करते थे। अब आईएसबीटी से लेकर और यूपी बॉर्डर तक 10 मिनट में अपना रास्ता पार कर सकते हैं।
बीच में कोई रेड लाइट नहीं है, यह पूरी तरह से रेड लाइट फ्री है और इतना शानदार और इतना अच्छी गुणवत्ता का फ्लाई ओवर बना है, आप इस फ्लाई ओवर पर चलेंगे, तो आपको पता चलेगा कि कितना शानदार और अच्छी गुणवत्ता का फ्लाई ओवर बनाया गया है। सीएम ने कहा कि पिछले 70 साल में भारत के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ होगा कि सरकारी काम स्वीकृत पैसे से कम में पूरा हो जाए। कल हम एलएनजेपी अस्पताल के अंदर एक मेडिकल ब्लाॅक बनाने का शिलान्यास रखने गए थे। यहां पर हम डेढ़ हजार बेड का एक ब्लॉक बना रहे हैं। आज पूरे देश में जब अस्पताल बनते हैं, तो डेढ़ करोड रुपए प्रति बेड के हिसाब से खर्च आता है।
मान लिया जाए कि 1000 बेड का अस्पताल है, तो डेढ़ करोड़ रुपए प्रति बेड के खर्च होता है, अर्थात एक हजार बेड का अस्पताल 1500 करोड़ रुपए में बनता है। लेकिन वहीं हम 30 लाख रुपए प्रति बेड के हिसाब से शानदार केंद्रीकृत वातानुकूलित अस्पताल बना रहे हैं। इस तरह हमारे हर काम में पैसा बच रहा है और यह पैसा क्यों बच रहा है?
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि पहले भी दिल्ली में फ्लाईओवर बनते रहे हैं, लेकिन उसे पूरा होने में कई साल लग जाया करते थे। आजाद मार्केट फ्लाई ओवर का उदाहरण देते हुए सतेंद्र जैन ने कहा कि यह फ्लाईओवर के बनने में करीब 10 साल लग गए थे। उस फ्लाईओवर को एमसीडी बना रहा था और उसे बनाने की लागत करीब 700 से 800 करोड़ रूप्ए आई थी।
जितना यह फ्लाई ओवर लंबा है, आजाद मार्केट फ्लाईओवर की इससे कम लंबाई है। इससे कम लंबाई के फ्लाई ओवर बनाने में उन्होंने करीब 700 से 800 करोड़ रुपए खर्च किए और करीब 10 साल में पूरा किए। वहीं, पीडब्ल्यूडी ने इन दोनों फ्लाईओवर को बनाने में लगभग डेढ़ साल लगाया। इसमें से छह महीना कोरोना वायरस और तीन महीने तक ग्रैप लागू होने की वजह से काम बंद हो गया था। इस समय को निकाल दिया जाए, तो हमने
करीब 9 से 10 महीने में दोनों फ्लाई ओवर का काम पूरा कर दिया। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है, पीडब्ल्यूडी ने यह बहुत बड़ा काम किया है, इसके लिए मैं सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देता हूं।
जल्द तैयार होगा चिल्ड्रंस पार्क
सतेंद्र जैन ने कहा कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री जी फ्लाई ओवर का निरीक्षण करने आए थे। वे फ्लाईओवर पर खड़े होकर नीचे देखा, तो उन्होंने लूप के बीच में एक खाली जगह थी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां हर तरफ घर ही घर नजर आ रहे हैं, कहीं पर खाली जगह नहीं है। उन्होंने लूप के बीच में खाली जगह को विकसित करके वहां पर चिल्ड्रन पार्क बनाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने जो आदेश दिए, उसके हिसाब से यहां पर चिल्ड्रन पार्क बनाया जा रहा है। अभी तक इंडिया गेट पर ही चिल्ड्रन पार्क होता था, लेकिन अब इस फ्लाईओवर के नीचे भी चिल्ड्रेन पार्क बनेगा। यमुनापार लोगों के लिए अपने बच्चों को लाकर यहां घुमाने की जगह बनेगी और इसको भी जल्द पूरा कर दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 10 फरवरी 2019 को फ्लाईओवर बनाने की आधारशिला रखी थी। इस फ्लाई ओवर को पूरा करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया था। उसी के मुताबिक योजनाएं बनाकर इस पर तेजी से काम शुरू किया गया। अक्टूबर 2019 तक काम बहुत तेजी से चला और लगभग 70 प्रतिशत काम हो चुका था। इसके बाद प्रदूषण की वजह से निर्माण कार्यों पर रोक लग गई।
दिसबर बाद निर्माण कार्यों पर लगा प्रतिबंध हटने के बाद फिर काम शुरू हुआ, लेकिन रात के समय काम करने पर पाबंदी थी। यह पाबंदी फरवरी में हटाई गई और फिर काम तेजी से शुरू हुआ, लेकिन मार्च 2020 में कोविड-19 की वजह से काम को फिर बंद करना पड़ा। इतनी दिक्कतों के बावजूद भी दोनों फ्लाई ओवर पर तेजी से काम करके तय समय के अंदर पूरा कर लिया गया। इस प्रोजेक्ट को बनाने के दौरान पुलिस और स्थानीय लोग आदि से जो भी सुझाव मिले, उन सुझावों को भी शामिल किया गया है।
सीलमपुर मेट्रो स्टेशन के पीछे रहने वाले लोग पहले पैदल सड़क पार करते थे, उनकी सुविधा के लिए एक सब-वे का निर्माण किया गया है। इस फ्लाईओवर की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इस मार्ग पर सुबह और शाम पीक आवर्स में बहुत भयंकर जाम लगता था और लोगों का कीमती समय के साथ-साथ ईंधन बर्बाद होता था और इससे प्रदूषण भी बढ़ रहा था, लेकिन अब इन दोनों फ्लाईओवर के चालू हो जाने से लोगों को इन समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
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