के जे श्रीवत्सन, जयपुर: देशभर में कई जगहों पर केंद्र सरकार के नए कृषि कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द डोटासरा ने राज्यपाल से मिलकर राष्ट्रपति के नाम इस कानून के खिलाफ ज्ञापन दिया। अपने ज्ञापन में उन्होंने इस कानून को किसान विरोधी बताते हुए इसके वर्तमान स्वरुप को वापस लेकर तत्काल संशोधन किये जाने की मांग की है। वहीं सचिन पायलेट ने साफ़ कर दिया की जब कांग्रेस इसका विरोध कर रही है तो इसे अपने इसी स्वरुप में कांग्रेस शासित राज्यों में लागू करने का सवाल ही नहीं उठता है।
सोमवार दोपहर को अचानक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा जब राज्यभवन पहुंचे तो नए कृषि कानून को लेकर उनके तेवर काफी तीखे नज़र आये। दो दिन पहेल ही अशोक गहलोत ने इसे किसान विरोधी बताते हुए संघीय ढाचे के खिलाफ बताया था और आरोप लगाया की कृषि क्षेत्र के नए कानून को लेकर केंद्र ने एक भी बार राज्यों से सलाह तक नहीं ली। ऐसे में राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल कलराज मिश्र को दिए ज्ञापन में भी इन्हीं बातों का जिक्र था। मांग की गयी की भले ही राष्ट्रपति ने संसद में पारित इस कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं लेकिन इसे हु-ब-हु लागू नहीं किया जाना चाहिए। सरकार की तरफ से कांग्रेस नेता सचिन पायलेट ने मीडिया से बातचीत करते हुए साफ़ कर दिया की जब सरकार अपने घटक दलों को ही इसे लेकर नहीं समझा पा रही है तो आन्दोलन कर रहे किसानों को कैसे समझा पाएंगे। उन्होंने इसे किसानों की आमदनी दुगना करने का जूमला देने वाला झांसा बताया और कहा की जब कांग्रेस सड़कों पर उतारकर इसका विरोध कर रही है तो इसे कांग्रेस शासित राज्यों में इस स्वरुप में लागू करने का भी कोई सवाल नहीं होता।
सचिन पायलेट ने आगे कहा कि जब कांग्रेस किसानों के साथ सड़कों पर उतर कर इस कानून का विरोध कर रही है तो इसे ऐसे ही लागू कैसे कर सकती है। केंद्र सरकार ने मनमाने तरीके से ऑर्डिनेंस लेकर इसे अचानक कानून बना दिया। राज्यसभा में जिस तरीके से इसे पारित कराया गया वह अनुचित था। केंद्र ने इसे लेकर कभी भी किसी से बातचीत ही नहीं की और चर्चा भी नहीं होने दी।
दरअसल राजस्थान में गंगानगर और हनुमानगढ़ इलाके में किसान इस कानून को लेकर जबरदस्त तरीके से विरोध कर रहे हैं। वहीं बीजेपी भी इन दिनों इन कानून के बारे में लोगों को अपनी सोशल मीडिया द्वारा ठीक तरीके से नहीं समझा पाने को लेकर काफी कशमकश में हैं और जगह- जगह चौपाल लगाकर किसानों से बातचीत कर उन्हें इस कानून के फायदे बताने में जुटी है। वैसे भी केंद्र सरकार के नए सड़क सुरक्षा कानून के जुर्माने के प्रावधानों को भी राजस्थान ने आम वाहन चालकों के खिलाफ बताते हुए इसे संशोधित रूप में ही लागू किया है। ऐसे में इसी तरह की व्यवस्था कुछ नए कृषि कानून में करने की भी संभावना की सुगबुगाहट नज़र आ रही है। कुल मिलकर इस मुद्दे पर राजनीती आरोप- प्रत्यारोप भी खुलकर सामने आ रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के इरादों से साफ़ है की वह इस मुद्दे को आसानी से छोड़ने के मूड में नहीं है।
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