नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इसलिए दोनों सेनाओं द्वारा युद्ध उपकरण और अन्य हथियारों को यहां पर बढ़ाया जा रहा है। आज भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारतीय सेना के जवानों को लद्दाख क्षेत्र में देश की सीमा पर गश्त करने से नहीं रोक सकती है।
राजनाथ सिंह ने कहा, "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं, झड़पें गश्त रोकने के कारण होती हैं।" उन्होंने कहा, 'पैट्रोलिंग पैटर्न पारंपरिक और अच्छी तरह से परिभाषित है। दुनिया की कोई भी ताकत भारतीय सैनिकों को गश्त करने से नहीं रोक सकती। हमारे सैनिकों ने इसके लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है।''
इससे पहले, चीनी PLA को सीमावर्ती क्षेत्र में आपूर्ति करने के लिए हेक्साकॉप्टर ड्रोनों की तैनाती करते देखा गया था। हाल ही में, एक ट्विटर हैंडल द्वारा जारी की गई तस्वीरों में इस बात का खुलासा हुआ है कि भारत ने भी लद्दाख में दो नए आर्मर्ड पर्सनेल कैरियर (APCs) तैनात किए हैं, जोकि आने वाली सर्दी में सेना को मजबूती प्रदान करेंगे।
ये दो वाहन TATA-DRDO WhAP (जिसे केस्त्रेल के नाम से भी जाना जाता है), और कल्याणी M4 लाइट स्ट्राइक वाहन हैं।
टाटा-डीआरडीओ ने बनाए ये वाहन
भारत के स्वामित्व वाली DRDO और निजी औद्योगिक TATA द्वारा संयुक्त रूप से विकसित Kestrel एक 8-पहिए वाली एम्फ़िबियस आर्मर्ड पर्सन कैरियर है, जो सड़क पर 100 किमी/घंटा और पानी में 10 किमी/घंटा की गति प्राप्त करने में सक्षम है।
मुख्य रूप से पैरामाउंट ग्रुप नामक एक दक्षिण कोरियाई कंपनी द्वारा निर्मित, Mbombe-4 (M-4) एक 4-पहिए वाला लाइट आर्मर्ड वाहन है, जो APC और बख्तरबंद कार के अंतर को पूरा करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, टाटा केस्टेल के साथ भागीदारी करते हुए कल्याणी एम 4 कवच और गति का एक दिलचस्प संयोजन बनाता है। जबकि Kestrel बख़्तरबंद पंच प्रदान करता है जो एक हमले को गति देता है। कंपनी के अनुसार, ड्राइवर सहित 6 चालक दल के सदस्यों को ले जाते हुए कल्याणी M4 140 किमी/घंटा की गति तक जा सकती है।
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