बाड़मेर: देश के बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के जवानों ने भारत-पाक सीमा में अपनी मानवीयता का परिचय देकर ऐसा मिसाल कायम कर दिया कि लोगों ने कह दिया कि यही तो भारत की पहचान है।
BSF ने तत्काल निर्णय लेते हुए जो काम किया वो केवल काबिले तारीफ ही नहीं है बल्कि ये उस मुल्क को भी आइना दिखाता है जो यहां के भटके लोगों को बार्डर और उसके आसपास पकड़कर जेलों में बहुत बुरा सुलूक करता है। राजस्थान के बाड़मेर में भारत-पाक बॉर्डर पर तैनात BSF के जवानों को एक मासूम रोता हुआ मिला।
ये मासूम पाकिस्तान का था जो भटकते हुए बॉर्डर क्रॉसकर भारत आ गया। बॉर्डर पर रोते हुए बच्चे से जब जवानों ने पूछा तो वो काफी डरा-सहमा था। प्यार से पूछने पर उसने अपना नाम करीम बताया। करीम की उम्र करीब 8 साल की है। करीम शुक्रवार को शाम सवा 5 बजे के करीब भारतीय सीमा में सीमा चौकी सामरोद BOP पहुंचा था।
जवानों ने पहले भूखे करीम को खाना खिलाया। उसे बैठाकर प्यार से पता पूछा। करीम ने बताया कि वो पाकिस्तान के थारपारकर जिले के नागरपारकर तहसील का रहने वाला है। इधर BSF ने पाकिस्तानी रेंजर के साथ फ्लैग मीटिंग किया। इसके बाद शाम करीब साढ़े सात बजे उसे पाकिस्तान रवाना कर दिया गया।
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