नई दिल्ली: देश में किसान पिछले 14 दिन से केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बॉर्डरों पर बैठे हुए हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों को एक प्रस्ताव भेजा था, जिसपर सहमति नहीं बन पाई। अब किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने का ऐलान करते हुए 12 दिसंबर को देश के सभी टोल फ्री, जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे बंद करने की घोषणा की है।
किसानों को सभी विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिल रहा है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार के कृषि काननों को देश को बर्बाद करने वाला करार दिया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने तीन नए कृषि कानूनों पर केंद्र पर हमला करते हुए कहा, ''केंद्र सरकार देश को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है। केंद्र द्वारा लाए गए नए कृषि कानून किसानों का शोषण करेंगे। यह सरकार लक्ष्यहीन तरीके से काम कर रही है और यह पूरे देश को बर्बाद करने वाली है।"
लोग किसानों से भावनात्मक रूप से जुड़े: अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आंदोलन लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करने के लिए है और लोकतंत्र को "बचाने" के लिए लोग इसके साथ "भावनात्मक रूप से जुड़े" हैं।
उन्होंने कहा, ''किसान आंदोलन’ भारत के इस लोकतांत्रिक मूल्य की पुनर्स्थापना का भी आंदोलन है कि सरकार के सभी फैसलों में आम जनता की भागीदारी होनी चाहिए। सरकार की मनमानी नहीं। इसीलिए भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए देश का हर नागरिक भी आज ‘किसान आंदोलन’ के साथ भावात्मक रूप से जुड़ता जा रहा है।''
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.