नई दिल्ली: भारत सेना भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए खुद को लगातार मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने एकबार फिर साफ किया है कि भविष्य में होने वाले सभी युद्ध तीनों सेनाएं मिलकर एक यूनिट की तरह लड़ेंगी। सीडीएस ने साफ-साफ कहना है कि हमारे सशस्त्र बलों द्वारा इस प्रकार के अभियान के सफलतापूर्वक संचालन के लिए आवश्यक है कि उन्हें युद्ध के सभी स्तरों पर साउंड लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया जाए।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से मुंबई में तीसरे संयुक्त लॉजिस्टिक्स नोड (जेएलएन) की शुरुआत की और सेवाएं समर्पित कीं। यह जेएलएन सशस्त्र बलों को उनके छोटे हथियारों- गोला बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर के सामान, असैन्य लोगों का परिवहन, विमानन लिबास और अन्य सामानों के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स कवर प्रदान करेगा और उनके अभियानों के प्रयासों के बीच तालमेल के लिए इंजीनियरिंग सहयोग भी प्रदान करेगा।
इस मौके पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत ने कहा है कि भविष्य में होने वाले सभी युद्ध तीनों सेनाएं एक होकर लड़ेंगी। सशस्त्र बलों की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उन्हें युद्ध के सभी चरणों के दौरान समय पर रसद सामग्री की जरूरतें पूरी की जाएं। सेना को ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स नोड (जेएलएन) छोटे हथियार, गोला-बारूद, राशन, ईंधन, जनरल स्टोर, सिविल हायर ट्रांसपोर्ट, एविएशन कपड़े, पुर्जों और इंजीनियरिंग कार्यों के लिए एकीकृत लॉजिस्टिक्स कवर प्रदान करेंगे।
जनरल रावत गुरुवार को मुंबई में खोले गए देश के तीसरे ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स नोड (जेएलएन) के उद्घाटन कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जेएलएन की स्थापना और परिचालन हमारी तीन सेवाओं के लॉजिस्टिक्स एकीकरण की दिशा में बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इनकी दक्षता और प्रभावशीलता को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक-दूसरे की सीमाओं को स्वीकार करना, एक-दूसरे की ताकत के बारे में जानना और सीखना आवश्यक है। जनरल रावत ने कहा कि इस पहल से न केवल धन बल्कि जनशक्ति की भी बचत होगी और संसाधनों का फायदेमंद तरीके से उपयोग होगा। सैन्य बलों के प्रमुख जनरल रावत ने अधिक से अधिक रसद एकीकरण की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसे हाल के दिनों में यह कहकर नए सिरे से प्रोत्साहित किया गया है कि यह सशस्त्र बलों का राष्ट्रीय स्तर पर बुनियादी ढांचा और रसद सुधारों का लाभ उठाने में मदद करेगा।
इस पर उन्होंने सेवाओं को लागत में कटौती के साथ-साथ आधुनिकीकरण के लिए ठोस प्रयास करने का भी आग्रह किया। इस नोड को संचालित करने के लिए तीनों सेनाओं के योद्धाओं की सराहना करते हुए सभी से आग्रह किया कि हम पूरी तरह से एकीकृत, आधुनिक और आत्मनिर्भर बनने के प्रयास जारी रखें। देश में तीन ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स नोड का सफल संचालन देखते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में अधिक जेएलएन खोले जाने चाहिए। इससे सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अंतर-दक्षता बढ़ेगी और तीनों सेवाओं के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देशों के अनुसार सशस्त्र बलों की रसद प्रक्रियाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा। यह महत्वपूर्ण मील का पत्थर सशस्त्र बलों में एकीकृत लॉजिस्टिक्स को और मजबूत करने का एक अग्रदूत है और उन्हें युद्ध के सभी क्षेत्रों में निर्बाध रूप से संचालित करने में सक्षम करेगा।
एकीकृत एकीकरण स्टाफ मुख्यालय के तत्वावधान में संयुक्त संचालन प्रभाग ने तीनों सेनाओं के रसद एकीकरण की दिशा में पहला ठोस कदम उठाते हुए इस व्यवस्था की खोज करके ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स नोड की स्थापना की है। मुंबई, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में जेएलएन की स्थापना के लिए 12 अक्टूबर, 2020 को सरकार से मंजूरी मिली थी। गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर में 01 जनवरी, 2021 को जेएलएन चालू किए गए थे। मुंबई में आज देश के तीसरे ज्वाइंट लॉजिस्टिक्स नोड का उद्घाटन हुआ है। इस मौके पर तीनों सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति तीनों सेनाओं के एकीकरण के सही सार को दर्शाती है। जेएलएन की स्थायी संचालन प्रक्रिया को भी जनरल बिपिन रावत ने इस अवसर पर ई-रिलीज किया।
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