के.जे.श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में नौकरियों के लिए शुरू हुए आन्दोलन (rajasthan agitation) की आंच अब एक और आदिवासी इलाके बांसवाड़ा तक भी पहुंच गई है। तनाव और हिंसक आन्दोलन की आशंका के मद्देनजर डूंगरपुर के साथ-साथ अब बांसवाड़ा में भी धारा 144 लगा दी गई है। वहीं डूंगरपुर में शनिवार तीसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा और उदयपुर में शाम को प्रद्रशनकारियों से बातचीत भी हुई। उधर करणी सेना ने भी चेतावनी दी है कि यदि नौकरियों में सामान्य कोटे की भर्तियों की संख्या के साथ छेड़छाड़ हुई तो वह भी बड़े स्तर पर आन्दोलन करेगी।
राजस्थान के डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाना क्षेत्र में गुरूवार शाम को अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) से जुड़ी अपनी मांगों को लेकर उग्र भीड़ का प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। हालांकि शुक्रवार को जिस तरह से आन्दोलन हिंसक हुवा था वह अब वह काफी हद तक शांत है लेकिन रास्ते पर पहाड़ियों से पत्थर गिराकर नेशनल हाई वे को जाम करने की घटनाएं जरूर हुईं।
प्रदर्शनकारी अब तक भी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। इसे लेकर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आला पुलिस अधिकारियों के साथ बातचीत की वहीं विपक्ष ने इसे सरकार की विफलता बताते हुए कहा कि पुलिस को आन्दोलन को नियंत्रित करने का कोई बड़ा अधिकारी नहीं मिलने के कारण ही वहां हालत अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।
प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया का कहना है कि सरकार ने पहले दिन से ही पुलिस वालों के हाथ बंधे रखे थे जिसके चलते इतनी बड़ी हिंसा हुई। मेरे कहने पर पुलिस वालों ने कुछ सख्ती दिखाई, लेकिन सरकार को पिछले 18 दिनों से बातचीत के लिए आगे आना चाहिए था। कुछ लोग इस हिंसा को भड़का रहे हैं।
ये है मांग
दरअसल राजस्थान के डूंगरपुर में प्रदर्शन करने वाले अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती के अनारक्षित 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर ये लोग कांकरी डूंगरी पहाड़ी पर 18 दिन से प्रदर्शन कर रहे थे। शुक्रवार को उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे पर प्रदर्शन अराजकता की हदें पार करते हुवे 10 किलोमीटर तक के हाईवे को कब्जे में लेकर करोड़ों की संपत्ति फूंक डाली।
शनिवार को भी हिंसा का यह नजारा कई जगहों पर जारी रहा। उपद्रवी हाईवे और आसपास की पहाड़ियों पर डटे हैं। शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों ने एक बार फिर हाईवे पर बनी होटलों और दुकानों में तोड़फोड़-लूटपाट की। ये प्रदर्शनकारी बाईक पर सवार होकर लूटपाट के लिए दुकानों पर आए थे।
जिन्होंने अलग अलग जगहों पर करीब 40 से भी ज्यादा वाहनों में आग लगा दी। यही नहीं, टीचर बनने की ख्वाहिश रखने वाले इन उग्र आन्दोलनकारियों ने एक स्कूल में भी जमकर तोडफोड़ की। जिसके बाद अब पुलिस भी पूरी तरह एक्शन में आ गयी है।
पुलिस ने 700 से भी ज्यादा उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। डूंगरपुर सीमा के मोथली मोड़ पर भी भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है। खेरवाड़ा से उदयपुर रोड पर ढाई किमी दूर टोल प्लाजा से सटे हाईवे पर देर रात तक पहाड़ियों से वाहनों पर पथराव हुआ, जिसके बाद इस ओर के यातायात को रोकना पड़ा। सुबह से ही पुलिस वाले आन्दोलनकारियों द्वारा बीच सड़क पर गिराए गए बड़े बड़े पत्थरों को हटाने का काम भी कर रही है। वहीं इन आन्दोलनकारियों की इस कथित अनुचित मांग के खिलाफ करण्ज्ञभ् सेना भी खुलकर सामने आ गयी है उसका कहना है की सामान्य वर्ग की सीट को आरक्षित वर्ग में मिलाने की कोशिश होने पर वह भी आन्दोलन करेगीं
सरकार के मंत्री और अधिकारी आन्दोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं, वहीं पुलिस अधिकारी भी अब पूरी सख्ती में मूड में आकर पहले इन्हें समझा रहे हैं कि वे पहाड़ या हाईवे पर पड़ाव न डालें। लेकिन उनकी चिंता डूंगरपुर के साथ साथ कुछ और आदिवासी इलाकों में भी इन आन्दोलन के फैसले को लेकर है जिसके चलते अब बांसवाडा में भी धारा 144 लगाकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
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