मनीष कुमार, नई दिल्ली: भारत के अटॉर्नी जनरल की राय का हवाला देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते संसद को बताया कि भारत के समेकित फंड (CFI) से GST राजस्व के नुकसान के लिए राज्यों को क्षतिपूर्ति करने के लिए कानून में कोई प्रावधान नहीं था। हालांकि भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के मुताबिक जीएसटी कंपनसेशन सेस का पैसा जीएसटी कंपनसेशन फंड में ट्रांसफर नहीं कर केंद्र सरकार ने नियम तोड़ा है।
हालांकि, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने पाया है कि सरकार ने स्वयं 2017-18 और 2018-19 के दौरान CFI में GST क्षतिपूर्ति उपकर के 47,272 करोड़ रुपये को बरकरार रखते हुए कानून का उल्लंघन किया और अन्य उद्देश्यों के लिए धन का उपयोग किया, जिसके कारण वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियों का अधिरोहण और राजकोषीय घाटे को समझना हुआ।
साल 2017-18 में 6466 करोड़ रुपये और 2018-19 के लिए 40,806 करोड़ रुपये कम रकम जीएसटी कंपनसेशन फंड में क्रेडिट हुआ, जोकि जीएसटी पर सेस के नाम पर वसूला गया था। साल 2018-19 में 90 हज़ार करोड़ रुपये जीएसटी कंपनसेशन सेस फंड में ट्रांसफर करना था। यही रकम राज्यों को कंपनसेशन सेस के तौर पर दिया जाना था।
इस साल जीएसटी कंपनसेशन सेस के तौर पर 95,081 करोड़ रुपये जमा हुए थे। जबकि वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग ने 54,275 करोड़ रुपये ही जीएसटी कंपनसेशन सेस फंड में ट्रांसफर किया। इस फंड में से 69,275 करोड़ रुपये जीएसटी क्षतिपूर्ति के तौर पर राज्यों को दिया गया।
सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त मंत्रालय इस ठीक करने के लिए जरूरी कदम उठाए। हाल ही में कंपनसेशन सेस नहीं देने को लेकर केंद्र सरकार और राज्यों के बीच तनातनी देखी जो अभी भी जारी है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.