नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसक प्रदर्शन में शामिल लोगों के पोस्टर लखनऊ में चस्पा किये हैं। हिंसा में शामिल लोगों की पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और फोटो के माध्यम से पहचान हुई है और इनपर मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
पुलिस द्वारा राजधानी लखनऊ के थानों और सार्वजनिक स्थलों पर इन प्रदर्शनकारियों की तस्वीर वाले पोस्टर लगाए गये हैं। इन पोस्टर पर प्रदर्शनकारियों की तस्वीरों के साथ उनका पता भी लिखा गया है। इसके अलावा पोस्टर पर लिखा गया है कि इन प्रदर्शनकारियों की जानकारी देने वाले को 5 हजार नकद इनाम दिया जाएगा।
हिंसा भड़काने के आरोपी पुलिस की सख्ती व कुर्की के आदेश के बाद कोर्ट में आत्मसमर्पण की फिराक में हैं। वहीं, पुलिस इन्हें हर हालात में गिरफ्तार करने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए कोर्ट से लेकर इनके करीबियों पर 24 घंटे नजर बनाए हुए है। पोस्टर पर पुलिस अधिकारियों के नंबर भी हैं, जिनपर इसकी जानकारी दी जा सकती है।
सहायक पुलिस आयुक्त आई.पी सिंह ने बताया कि हिंसा में शामिल 8 लोगों के पोस्टर लगाए गये हैं। तीन लोगों ने सरेंडर किया है। जो फरार हैं उन पर 5 हजार रूपये का इनाम भी घोषित है।
बता दें कि 2019 में अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांग्लादेश में प्रताड़ित हिंदुओं को भारत में नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया था। इसके बाद देशभर में हिंसक घटनाएं हुईं। राजधानी लखनऊ भी इससे अछूता नहीं रहा। यहां 19 दिसंबर 2019 को चार थाना क्षेत्रों में सीसीए-एनआरसी के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया गया। विरोध की आड़ में उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। पथराव और गोलीबारी में कई लोग घायल हो गए थे। परिवर्तन चौक पर पुलिस की गाड़ियों में आग तक लगा दी गई थी। वहीं, हुसैनाबाद पुलिस चौकी में भी उपद्रवियों ने आगजनी की थी। इस मामले में हजरतगंज, कैसरबाग, ठाकुरगंज, हसनगंज व चौक थाने में दर्जनों एफआईआर दर्ज की गई थीं।
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