नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों में भले ही एक साल से ज्यादा समय बाकी है, लेकिन सूबे के सभी राजनैतिक दल अपनी-अपनी सियासी बिसात बिछाने में अभी से जुट गए हैं। इसी सिलसिले में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बसपा 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में बिना किसी गठबंधन के ही अपने बूते पर चुनाव लड़ेगी।
सोमवार को बसपा के संस्थापक कांशीराम की जयंती पर दिए इस बयान में मायावती ने ये भी कहा कि "बसपा एकमात्र पार्टी है, जो अभी तक कांशीराम के सिद्धांतो पर चल रही है। बसपा उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 403 सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।" बसपा सुप्रीमो ने आगे जोड़ा, "बसपा के गठबंधन से हर बार सभी दलों को फायदा हुआ है, इसलिए इस बार हम किसी से भी गठबंधन नहीं करेगें।"
इस मौके पर मायावती ने अपने समर्थकों से कहा कि "विरोधी दलों की साम, दाम, दंड और भेद नीति से बचकर रहे और पार्टी को आगामी चुनाव में सफलता दिलाकर बसपा की इस मुहिम को सफल बनाएं।"
साथ ही मायावती ने केंद्र सरकार से कृषि कानून वापस लेने की अपील भी फिर से दोहराई। उन्होंने कहा कि वे किसानों के साथ हैं और किसान आंदोलन में जान देने वाले किसानों के परिजनों को उचित सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। मायावती ने यह भी कहा कि सरकार अपनी नई नीतियों से आम जनता को परेशान कर रही है।
वहीं, प्रियंका गांधी की यूपी में सक्रियता और कांग्रेस की तरफ से यूपी का चेहरा बनाए जाने की संभावना पर मायावती ने कहा कि चुनाव लड़ने और चेहरा प्रोजेक्ट करने का सबका अधिकार है।
चीनी मिलों से जुड़े मीडिया के सवाल पर मायावती ने सफाई देते हुए कहा, "बीएसपी सरकार में जो चीनी मिलें बिकीं, उस समय गन्ना विभाग मेरे पास नहीं था, चीनी मिल बिक्री का फैसला कैबिनेट का फैसला था।"
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