के जे श्रीवत्सन, जयपुर: देशभर में लगातार बढ़ते जा रहे बार फ्लू की खबरों के बीच राजस्थान से राहत की खबर आई है। लैब में भेजे गए मुर्गियों के किसी भी सेम्पल में अब तक बर्ड फ्लू के होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन चिंता की बात यह भी है कि सूबे के 33 में से 13 जिलों में पक्षियों की मौत के पीछे संक्रमण की वजह का भी पता चला है। जिसके बाद समूचे राजस्थान में रेपिड रेस्पोंस टीम का गठन करते हुए अलर्ट जारी कर दिया गया है।
एक के बाद एक कई नए जिलों में भी अब राजस्थान में लगातार बर्ड फ्लू का संक्रमण पैर पसारता जा रहा है। राजस्थान में कुल 33 जिले हैं, जिनमें से 24 जिलों में पक्षियों की मौत की खबरें सामने आई हैं। इससे अलर्ट मोड पर आए राजस्थान के पशुपालन विभाग ने इन सभी जिलों के कुछ सेम्पल को भोपाल के एक मात्र वेटेनरी लैब भिजवाया तो वहां से 13 जिलों में पक्षियों के एवियन एन्फ्ल्युयेज़ा के चलते मौत की पुष्टि हुई है।
हालांकि इन पक्षियों की मौत इस संक्रमण के चलते तो जरूर हुई है, लेकिन इनमें जो संक्रमण का वायरस पाया गया है वह एवियन एन्फ़्य्लुजा 5/ 8 प्रकार का है। जिससे इंसानों में संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। जानकारी के मुताबिक पिछले 25 दिसंबर से आज तक कुल करीब 3 हज़ार पक्षियों के मरने की खबरें आई है और इनमे से 2200 कौवे हैं।
पशुपालन विभाग के निदेशक वीरेंद्र सिंह का कहना है कि हमें 25 दिसंबर से ही लगातार कई जिलों में पक्षियों की अचानक अधिक मौतों की रिपोर्ट मिल रही थी जिसके बाद हमने जांच करने के लिए सेम्पल लैब में भेजा। 13 जिलों में 2950 पक्षियों के मरने की खबर आई थी जिसमे से 2200 कौवे हैं। हमने कुल 24 जिलों के सेम्पल भेजे थे।
पशुपालन विभाग के अधिकारीयों के अनुसार पाली, सवाई माधोपुर, झालावाड, कोटा, बूंदी, प्रतापगढ़, बारां , चित्तोड़गढ़ और जयपुर जिलों में अधिक पक्षियों की मौत की खबर है, हालांकि जोधपुर में कुछ मौरों की मौत की भी खबर आई थी लेकिन जांच के बाद फोस्फोरेस ज्यादा खाने के चलते इनकी मौत की पुष्टि हुई है।
राहत की बात यह है कि राजस्थान में 2600 से भी ज्यादा रजिस्टर्ड मुर्गी पालन केंद्र हैं। इनमें से से किसी के सेम्पल में भी संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। जिसके चलते पोल्ट्री फोरम के प्रोडक्ट्स की बिक्री पर भी सरकार की तरफ से कोई अधिकृत रोक नहीं लगाई गयी है। हालांकि बर्ड फ्लू की खबरों के बीच इनकी बिक्री अपने आप ही 40 फीसदी तक घट गई।
गनीमत है कि अभी तक हमारे 2600 रजिस्टर्ड पोल्ट्री फार्म में से किसी भी जगह के सेम्पल में बर्ड फ्लू नहीं पाया गया। फिर भी हमने इससे जुड़ी खबरों को ध्यान में रखते हुए सभी मुर्गी पालकों के साथ विडियो कोंफ्रेंसिंग की है। उनका एक व्हाट्सअप ग्रुप भी बनाया गया है, ताकि तत्काल यदि कोई समस्या आती है तो उसका समाधान किया जा सके। जहां तक सेम्पल जांच की बात है हमने भोपाल की लैब में 24 जिलों के 226 सेम्पल भेजे हैं जिसमें से 13 जिलों में पक्षियों की मौत का कारण संक्रमण ही बताया गया है।
भले ही भोपाल लैब की रिपोर्ट के आधार पर सरकार अभी संक्रमण की गंभीर स्थिति नहीं होने का दावा कर रही है लेकिन लगातार एक के बाद एक नए जिलों में संक्रमण के चलते पक्षियों की मौत की खबर ने उसकी परेशानियां बढ़ा रखी है, क्योंकि अब तक सिरोही, जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, पाली, बारां, कोटा, बांसवाड़ा में भी बर्ड फ्लू के सैंपल पॉजिटिव मिल चुके हैं।
इनके अलावा 10 जिलों के सैंपलों की रिपोर्ट आनी अभी शेष है। ऊपर से रोज प्रदेश में 326 कौवे और अन्य पक्षियों के मरने की खबरें आ रही है। ऐसे में अलर्ट मोड पर रहकर वन, पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की कोशिश में जुटे हैं।
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