सौरभ कुमार, पटना : सोशल मीडिया पर सरकार, मंत्री, सांसद विधायक या सरकारी अफसरों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान के अनुसार अफवाााह फैलाने वाले पोस्ट करने वाले लोग समूह और संस्थाएं भी इस कार्रवाई और जांच के दायरे में हिंदी लिखने वाले पर आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज होगा।
गौरतलब है कि लंबे समय से सोशल मीडिया पर टोल होने के मामले में भी लगाम लगाने की मांग होती रही है। अब इस पर नया निर्देश जारी किया गया है आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने सभी विभागों के प्रधान सचिव सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि उनके विभाग में अगर इस तरह के मामले सामने आते हैं तो हमें सूचित करें ताकि दोषियों पर जांच के बाद उचित कार्रवाई की जा सके। ईओयू के अफसरों को भी ऐसे आपत्तिजनक पोस्ट पर नजर रखने के निर्देश दिया गया है।
जेडीयू ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह का कहना है कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर शाब्दिक हिंसा पर रोक लगाने का यह प्रयास है।सोशल मीडिया पर अभद्रता फैलाने वाले के खिलाफ कारवाई जरूर होनी चाहिए।
वहीं विपक्ष सरकार के इस पहल से नाखुश नजर आ रही है और इसे हिटलरशाही करार दे रही है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है ये लोकतंत्र की हत्या है। साथ ही उनका कहना है कि नीतीश कुमार सोशल मीडिया पर तेजस्वी के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए इस तरह का तालिबानी फरमान जारी किया है।
फिलहाल इस पत्र को लेकर हंगामा मचने के बाद,नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ कई ट्वीट कर व्यक्तिगत टिप्पणी करते हुए खुद को गिरफ्तार करने की चुनौती दी है।
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