नई दिल्लीः बिहार में एकबार फिर एनडीए गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। सबकुछ ठीक रहा तो नीतीश कुमार ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन इसबार सत्ता की चाभी पूरी तरह से बीजेपी के पास होगी। 74 सीटों के साथ बीजेपी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है जबकि जदयू के कहते में महज 43 सीटें आई है। यानि बीजेपी से 31 सीटें काम। हालांकि चूनाव में एनडीए ने नीतीश कुमार को ही अपना चेहरा बनाया था।
रिजल्ट आने के बाद अंदरखाने में बीजेपी के मुख्यमंत्री की भी बात उठने लगी है। हालांकि बीजेपी के बड़े नेता नीतीश कुमार की अगुआई में सरकार कि बात कह रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार पर नैतिक दबाव तो बढ़ ही गया है। इतना ही नहीं मंत्रिमंडल के बंटवारे पर भी इसका असर साफ दिखेगा।
बिहार चुनाव में जीत पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा- बीजेपी विकास, विश्वास और प्रगति की प्रतीक है।आज बिहार विधानसभा चुनाव और देश के विभिन्न राज्यों के उपचुनावों में भाजपा को मिले अभूतपूर्व समर्थन के लिए जनता को नमन। जीत के लिए नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं को बधाई। चुनावों में जनता ने जिस उत्साह से नरेंद्र मोदी और NDA की नीतियों में अपना समर्थन जताया वो सचमुच अद्भुत है। यह परिणाम न सिर्फ कोरोना के विरुद्ध मोदी सरकार की सफल लड़ाई में गरीब, मजदूर, किसान और युवाओं के विश्वास को दिखात है बल्कि देश को गुमराह करने वालों के लिए सबक भी है।
अमित शाह ने बिहार में विकास, प्रगति और सुशासन को पुनः चुनने के लिए प्रदेश के सभी भाइयों-बहनों का हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त किया। कहा कि मैं विशेषकर बिहार के युवाओं और महिलाओं को साधुवाद देता हूं जिन्होंने बिहार में सुरक्षा और उज्ज्वल भविष्य को चुनकर NDA की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। अपने आखिरी ट्वीट में शाह ने लिखा, बिहार के हर वर्ग ने फिर एक बार खोखलेवादे, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति को सिरे से नकार कर NDA के विकासवाद का परचम लहराया है। यह हर बिहारवासी की आशाओं और आकांक्षाओं के साथ ही नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के डबल इंजन विकास की जीत है।
आपको बता दें की NDA 125 सीटों के साथ सत्ता बचाने में कामयाब रहा, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाली पार्टी नीतीश कुमार की जदयू ही रही। पिछली बार के मुकाबले जदयू की 28 सीटें घट गईं और वह 43 सीटों पर आ गई। वहीं, भाजपा 21 सीटों के फायदे के साथ 74 सीटों पर पहुंच गई।
गौरतलब है की बिहार में साल 2015 में आरजेडी (RJD), जेडीयू (JDU) और कांग्रेस (Congress) ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसके कारण बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए (JDU) को हार का सामना करना पड़ा था। 2015 के विधासभा चुनाव में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस महागठबंधन ने 178 सीटों पर बंपर जीत हासिल की थी। आरजेडी को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं थीं। जबकि एनडीए को 58 सीटें मिली थी। हालांकि लालू यादव की पार्टी राजद के साथ खटपट होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार चलाना शुरू किया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा हैं लेकिन इस चुनाव परिणाम के बाद उनका कद घटना तय है ।
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