पटना: बिहार में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। ऐसे में प्रदेश में आचार संहिता लगी हुई है। पुलिस ने किशनगंज जिले में रविवार देर शाम बिहार-बंगाल सीमा के पास दो वाहनों से 65 लाख रुपये से अधिक की नकदी जब्त की।
पुलिस ने कहा कि इस पैसे को मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए चुनाव में उपयोग किया जाना था। पुलिस ने कहा कि यह किशनगंज में जब्त की गई अबतक की सबसे बड़ी रकम है।
राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अनुसार, 25 सितंबर से विभिन्न कानून-लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा राज्य भर में 12.65 करोड़ रुपये से अधिक नकद जब्त किए गए हैं।
किशनगंज के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर रामपुर चेक पोस्ट पर रूटीन चेकिंग के दौरान जमशेदपुर निवासी बबलू चौधरी के रूप में पहचाने गए आरोपियों में के वाहन को रोका गया। दालकोला से आने वाली उनकी इनोवा गाड़ी को चेकिंग के बाद वाहन के बूट में 60.26 लाख रुपये नकद मिले।
पूछताछ के दौरान, बबलू ने कहा कि कैश सैमसंग टी एस्टेट, न्यू जलपाईगुड़ी के मजदूरों के बीच वितरण के लिए था, लेकिन उसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था। आशीष ने कहा, 'हमने आयकर विभाग के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी इस बारे में जानकारी दे दी है। अब वह ही इस मामले की जांच करेगा कि इतनी बड़ी रकम नकद में क्यों पहुंचाई जा रही है।'
पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिलीगुड़ी के जितेंद्र कुमार महतो के पास से 5 लाख रुपये की दूसरी राशि जब्त की गई, जो कल रात किशनपुर में चला गया था। किशनगंज में मतदान तीसरे और अंतिम चरण में 7 नवंबर को होना है।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि 12.65 करोड़ रुपये की जब्ती के अलावा, बिहार पुलिस को वाहन चेकिंग से 17.09 करोड़ रुपये मिले। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि चुनाव आदर्श आचार संहिता के तहत 50,000 रुपये से अधिक ले जाना किसी भी व्यक्ति के लिए प्रतिबंध है।
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