नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर तमाम एग्जिट पोल के सर्वे आ चुके हैं । इन सर्वों में बीजेपी-जदयू नेतृत्व वाले NDA और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही हैं। वहीं कई एग्जिट पोल में NDA पर महागठबंधन का पलड़ा भारी पड़ता नजर आ रहा है। कई सर्वे में महागठबंधन की एकतरफा जीत का अनुमान जताया है। हालांकि एग्जिट पोल अनुमानों पर आधारित हैं। वास्तविक नतीजे 10 नवंबर (Bihar election result date 2020) को आएंगे, तभी पता चलेगा कि बिहार में इस बार किसकी सरकार बन रही है।
टुडेज चाणक्य एग्जिट पोल
टुडेज चाणक्य सर्वे के मुताबिक NDA को 55, महागठबंधन को 180 और अन्य को 8 सीटें मिल सकती हैं।
रिपब्लिक भारत - जन की बात एग्जिट पोल
रिपब्लिक भारत - जन की बात के एग्जिट पोल के अनुसार NDA को 91-117 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि महागठबंधन को 138 सीटें मिल सकती हैं जो कि बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है।
टाइम्स नाऊ-सी वोटर एग्जिट पोल
टाइम्स नाऊ-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार भी कांटे की टक्कर होती दिख रही है। एनडीए को जहां 104-128 सीटें मिल सकती हैं तो वहीं महागठबंधन को 108-131 सीटें, एलजेपी को 1-3 सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल
एबीपी-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार एनडीए को राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 116 सीटें मिल सकती हैं। वहीं महागठबंधन के खाते में 120 सीटें जा सकती हैं। चिराग पासवान की पार्टी एलजीपी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ सकता है जबकि अन्य को 6 सीटें मिल सकती हैं।
न्यूज X-DV रिसर्च एग्जिट पोल
NDA को 110 से 117, महागठबंधन को 108 से 123, लोजपा को 4 से 10 और अन्य को 8 से 23 सीटें मिलने का अनुमान।
टीवी-9 भारतवर्ष एग्जिट पोल
NDA को 91 से 117, महागठबंधन को 118 से 138, लोजपा को 5 से 8 और अन्य को 3 से 6 सीटें मिलने का अनुमान है।
पिछली बार बनी थी नीतीश की सरकार
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी जिसे 71 सीटें हासिल हुई थी। इसके अलावा बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थी। हालांकि लालू यादव की पार्टी राजद के साथ खटपट होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार चलाना शुरू किया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं।
2020 का सियासी समीकरण
बिहार में 243 सीटें हैं। इसमें एक तरफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) का सत्तारूढ़ गठबंधन है, जिसमें चुनवी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल-यूनाइटेड ने 115 सीटों, भारतीय जनता पार्टी ने 110, विकासशील इनसान पार्टी ने 11 और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
दूसरी तरफ विपक्ष के महागठबंधन में मुख्य रूप से लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (इस चुनाव में उनके बेटे तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के चेहरे हैं) ने 144 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। महागठबंधन के अन्य सहयोगियों में कांग्रेस 70, सीपीआई-एमएल 19, सीपीआई 6 और सीपीआईएम 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
केंद्र में एनडीए की हिस्सा लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) इस विधानसभा चुनाव में अकेले बूते ही ताल ठोक रही है। राज्य में जेडीयू के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए एलजेपी ने अकेले ही चुनाव लड़ रही है।
बिहार में 2015 में पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जिसमें जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस) ने 178 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 58 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। महागठबंधन की ओर से नीतीश कुमार सीएम बने।
हालांकि 2017 में, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने महागठबंधन छोड़ दिया और दोबारा एनडीए में शामिल होने का फैसला किया। नीतीश कुमार नए सेटअप में भी सीएम बने रहे और उनके डिप्टी सीएम के तौर पर तेजस्वी यादव की जगह बीजेपी के सुशील कुमार मोदी आ गए।
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