नई दिल्ली: बिहार विधानसभा का चुनावी रण आज शाम 5 बजे थम जायेगा। 10 नवंबर को वोटों की गिनती होगी और उसी दिन रिजल्ट आएगा। लेकिन 5 बजे तीसरे और आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होते ही न्यूज़ 24 पर संभावित विजेताओं और पराजितों के बारे में लोगों को एक मोटी तस्वीर मिल जाएगी। अंतिम दौर का मतदान खत्म होने के तुरंत बाद आपको सबसे सटीक एग्जिट पोल न्यूज़ 24 पर देखने को मिलेगा।
एनडीए और यूपीए गठबंधन में मुख्य मुकाबला
इस बार भी मुख्य मुकाबला एनडीए (NDA) और यूपीए (UPA) गठबंधन के बीच देखा जा रहा है। हालांकि कुछ दल इधर-उधर हुए हैं। इस बार लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) एनडीए का हिस्सा नहीं है। जेडीयू (JDU) और बीजेपी (BJP), छोटे सहयोगी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी तरह मुख्य मुकाबले में लालू यादव की पार्टी आरजेडी (RJD) है तो कांग्रेस (Congress) उसकी जूनियर पार्टनर की भूमिका में है।
क्या कहता है 2015 का रिजल्ट
बिहार में साल 2015 में आरजेडी (RJD), जेडीयू (JDU) और कांग्रेस (Congress) ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसके कारण बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए (JDU) को हार का सामना करना पड़ा था। 2015 के विधासभा चुनाव में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस महागठबंधन ने 178 सीटों पर बंपर जीत हासिल की थी। आरजेडी को 80, जेडीयू को 71 और कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं थीं। जबकि एनडीए को 58 सीटें मिली थी। हालांकि लालू यादव की पार्टी राजद के साथ खटपट होने के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार चलाना शुरू किया। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं।
2020 का सियासी समीकरण
बिहार में 243 सीटें हैं। इसमें एक तरफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए ) का सत्तारूढ़ गठबंधन है, जिसमें चुनवी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल-यूनाइटेड ने 115 सीटों, भारतीय जनता पार्टी ने 110, विकासशील इनसान पार्टी ने 11 और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
दूसरी तरफ विपक्ष के महागठबंधन में मुख्य रूप से लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (इस चुनाव में उनके बेटे तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री के चेहरे हैं) ने 144 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। महागठबंधन के अन्य सहयोगियों में कांग्रेस 70, सीपीआई-एमएल 19, सीपीआई 6 और सीपीआईएम 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
केंद्र में एनडीए की हिस्सा लोकजनशक्ति पार्टी (एलजेपी) इस विधानसभा चुनाव में अकेले बूते ही ताल ठोक रही है। राज्य में जेडीयू के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए एलजेपी ने अकेले ही चुनाव लड़ रही है।
बिहार में 2015 में पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जिसमें जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस) ने 178 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया था। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को 58 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। महागठबंधन की ओर से नीतीश कुमार सीएम बने।
हालांकि 2017 में, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने महागठबंधन छोड़ दिया और दोबारा एनडीए में शामिल होने का फैसला किया। नीतीश कुमार नए सेटअप में भी सीएम बने रहे और उनके डिप्टी सीएम के तौर पर तेजस्वी यादव की जगह बीजेपी के सुशील कुमार मोदी आ गए।
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