विपिन कुमार, नई दिल्लीः भले ही पहाड़ों में बर्फबारी के चलते मैदानी क्षेत्रों में तापमान नीचे लुढ़कता जा रहा है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के चलते सियासी पारा सातवें आसमान पर चढ़ा है। सारी राजनीतिक पार्टियां चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एड़ी से चोटी तक जोर लगा रही हैं, लेकिन ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो 10 नवंबर को ही तय होगा। मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच माना जा रहा है। एनडीए की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी 12 चुनाव जनसभाएं कर चुके हैं तो महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने भी पूरी ताकत झोंक रखी है। वहीं तीसरे चरण में पूर्वी चंपारण की 6 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है, जिसे लेकर सारी राजनीतिक पार्टियों के नेता प्रचार-प्रसार करने में जुटे हैं।
जानिए पूर्वी चंपारण की कौन सी सीटें, जहां होगा चुनाव
1- सुगौली सीट का इतिहास?
बिहार की सुगौली विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले में है। यहां तीसरे चरण में 7 नवंबर को वोटिंग होगी। वर्तमान में यहां से बीजेपी के रामचंद्र साहनी विधायक हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने यहां से आरेजेडी के उम्मीदवार को हराया था। 2015 विधानसभा चुनाव में साहनी ने आरजेडी के ओम प्रकाश चौधरी को यहां से मात दी थी। रामचंद्र साहनी पिछली बार यहां से जीतकर तीसरी बार विधायक बने थे। विजय प्रसाद गुप्ता 2000 विधानसभा चुनाव में निर्दलीय और फरवरी 2005 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर जीतकर यहां से विधायक बने थे। इसके बाद से ये सीट बीजेपी के कब्जे में हैं। अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इस सीट से पहली बार जीत हासिल हुई। इसके बाद जीत की हैट्रिक लगाते हुए 2010 और फिर 2015 विधानसभा चुनाव में BJP के रामचंद्र साहनी ने यहां से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की। राष्ट्रीय जनता दल को 15 साल बाद फिर से जीत का इंतजार है।
2- रक्सौल विधानसभा सीट का इतिहास?
2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से भाजपा के अजय कुमार सिंह ने राजद के सुरेश कुमार को 3,169 वोटों से हरा दिया था। रक्सौल विधानसभा सीट बिहार के पूर्वीचंपारण जिले का हिस्सा है। इस सीट पर अब तक कुल 16 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा 8 बार कांग्रेस, 5 बार भाजपा और दो बार जनता दल के प्रत्याशी विधायक चुने जा चुके हैं। इस बार यहां मुख्य टक्कर कांग्रेस के रामबाबू यादव और भाजपा के प्रमोद सिन्हा के बीच बताई जा रही है। इस विधानसभा में कुल 2.73 लाख वोटर हैं। जिसमें 1.47 लाख यानि 53.8 प्रतिशत पुरुष और 1.26 लाख यानि 46.1 प्रतिशत महिला वोटर हैं। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 63 प्रतिशत वोटिंग हई थी। 2010 के अपेक्षा इस सीट पर 2015 में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है, साथ ही महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की थी। इस सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यादव और मुस्लिम वोटर अहम भूमिका में बताए जा रहे हैं, जबकि कोइरी, ब्राह्मण, राजपूत, कोइरी वोटरों की संख्या भी ठीक-ठाक है।
3 - नरकटिया विधानसभा सीट का इतिहास?
इस विधानसभा में कुल 2.78 लाख वोटर हैं। जिसमें 1.48 लाख यानि 53.2 प्रतिशत पुरुष और 1.29 लाख यानि 46.4 प्रतिशत महिला वोटर हैं। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 63.6 प्रतिशत वोटिंग हई थी। इस बार सीट पर मुख्य लड़ाई राजद के डॉ. शमीम अहमद और जदयू के श्याम बिहारी प्रसाद के बीच बताई जा रही है। 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां से राजद के शमीम अहमद ने आरएलएसपी के संत सिंह कुशवाहा को हरा दिया था। यह विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 2010 में इस सीट पर पहली बार विधानसभा का चुनाव हुआ था। नरकटिया विधानसभा सीट बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का हिस्सा है। इस सीट पर अब तक दो बार विधानसभा का चुनाव हुआ है, जिसमें एक बार जदयू और एक बार राजद के प्रत्याशी विधायक चुने जा चुके हैं।
4 - मोतिहारी सीट का इतिहास?
इस विधानसभा में कुल 3.09 लाख वोटर हैं। जिसमें 1.65 लाख यानि 53.2 प्रतिशत पुरुष और 1.44 लाख यानि 46.6 प्रतिशत महिला वोटर हैं। यहां पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 57.7 प्रतिशत वोटिंग हई थी। जातीय समीकरण की बात करें तो मुस्लिम वोटर अहम भूमिका में बताए जा रहे हैं, जबकि ब्राह्मण और राजपूत वोटरों की संख्या भी ठीक-ठाक है। इस विधानसभा सीट पर मुख्य लड़ाई राजद के ओम प्रकाश चौधरी और भाजपा के प्रमोद कुमार के बीच बताई जा रही है। इस सीट के मौजूदा विधायक भाजपा के प्रमोद कुमार ही हैं।
5 - चिरैया विधानसभा सीट का इतिहास?
चिरैया विधानसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है। इस सीट पर पहली बार 2010 में चुनाव हुआ था। इस विधानसभा में कुल 2.85 लाख वोटर हैं। जिसमें 1.52 लाख यानि 53.3 प्रतिशत पुरुष और 1.33 लाख यानि 46.6 प्रतिशत महिला वोटर हैं। इस विधानसभा सीट पर मुख्य लड़ाई राजद के अच्छे लाल यादव और भाजपा के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता के बीच बताई जा रही है। इस सीट के मौजूदा विधायक भाजपा के लाल बाबू प्रसाद गुप्ता ही हैं।
6 - ढाका विधानसभा सीट का इतिहास?
ढाका विधानसभा सीट बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का हिस्सा है। इस सीट पर अब तक 16 बार विधानसभा का चुनाव हुआ है, जिसमें से छह बार कांग्रेस, चार बार भाजपा, दो बार राजद और एक-एक बार अन्य पार्टियों के प्रत्याशी विधायक चुने जा चुके हैं। इस विधानसभा में कुल 3.11 लाख वोटर हैं। जिसमें 1.63 लाख यानि 52.4 प्रतिशत पुरुष और 1.47 लाख यानि 47.2 प्रतिशत महिला वोटर हैं। इस बार की मुख्य लड़ाई राजद के फैसल रहमान और भाजपा के पवन जायसवाल के बीच बताई जा रही है। इस सीट के मौजूदा विधायक राजद के फैसल रहमान ही हैं।
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