सौरभ कुमार, पटना: बिहार की लालगंज विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को इलेक्शन होना है। दूसरे चरण की इस सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं, क्योंकि इस सीट पर बाहुबली माने जाने वाले मुन्ना शुक्रा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। विकास की दौड़ में काफी पीछे रहने वाली इस सीट पर राष्ट्रीय दलों के नेता भी ताल ठोंक रहे हैं, फिर भी सबकी निगाहें बाहुबली पर टिकी हुईं हैं।
हाजीपुर जिले की लालगंज विधान सभा क्षेत्र में इस बार चुनावी रण काफी दिलचस्प हो है। एक तरफ तो एनडीए और गठबंधन के प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहें हैं, वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय मैदान में बाहुबली मुन्ना शुक्ला है। मुन्ना शुक्ला की छवि एक बाहुबली की है। सरकारी रिकार्ड में वे विजय कुमार शुक्ल हैं। चुनाव है तो नेताजी गाड़ी छोड़ कर बुलेट पर आ गए हैं। आगे-आगे बाहुबली और पीछे-पीछे समर्थक जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं।
कौन हैं मुन्ना शुक्ला ?
मुन्ना शुक्ला का असली नाम विजय कुमार शुक्ला है
बाहुबली छवि के माने जाते हैं मुन्ना शुक्ला
गोपालगंज के डीएम की हत्या में आया था नाम
पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में भी आरोपी
मुन्ना के बड़े भाई भुटकुन शुक्ला की हत्या हो गई थी
मुन्ना के भाई भुटकुन शुक्ला पर था क्रिमिनल केस
काफी दिनों तक जेल में रहे हैं मुन्ना शुक्ला
बाहुबली का दावा है कि मुन्ना शुक्ला के साथ लालगंज का हाथ भी है और साथ भी है, यहां सबकी जमानत जब्त होगी। गठबंधन में इस बार लालगंज की सीट बीजेपी को चली गई तो मुन्ना निर्दलीय ही चुनावी अखाड़े में कूद गए हैं। मुन्ना पहली बार 2000 में निर्दलीय ही एमएलए चुने गए थे। लालगंज से मुन्ना शुक्ला एक बार नहीं बल्कि तीन बार विधायक रह चुके हैं।
2009 में उन्हें मंत्री रहे ब्रजबिहारी प्रसाद मर्डर केस में उम्र क़ैद की सजा हो गई तो 2010 में उनकी पत्नी अनु शुक्ल एमएलए बन गईं, लेकिन पिछले चुनाव में वे एलजेपी से हार गईं। इस बार मुन्ना खुद क़िस्मत आज़मा रहे हैं। मुन्ना भले ही निर्दलीय ताल ठोंक रहें हों, लेकिन उनके समर्थकों के जोश में कोई कमी नहीं है।
दूसरा उम्मीदवार राकेश कुमार सिंह उर्फ पप्पू भैया
बाहुबली बुलेट की सवारी कर रहे है तो कांग्रेस का यह उम्मीदवार लूना की सवारी कर लालगंज की जनता का दिल जीतने की कोशिश कर रहा है। पप्पू भैया की माने तो लालगंज की जनता बदलाव चाहती है और कांग्रेस उनके बदलाव और विकास दोनों देगी।
लालगंज का चुनावी इतिहास
2000 में विजय शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर जीते
फरवरी-2005 में LJP के टिकट पर मुन्ना शुक्ला जीते
नवंबर-2005 में JDU के टिकट पर मुन्ना शुक्ला विधायक बने
2010 में मुन्ना शुक्ला की पत्नी अन्नू शुक्ला ने जीत हासिल की
2015 में LJP के राजकुमार साह विधायक बने
लालगंज में सीधा मुकाबला निर्दलीय और महागठबंधन के बीच है। मौजूदा लोजपा विधायक राजकुमार साह से लोग काफी नाराज है। संजय सिंह बीजेपी के बने उम्मीदवार है, लेकिन लड़ाई से कोसो दूर है। लालगंज का इतिहास रहा है कि जनता ने मुन्ना शुक्ला को छोड़कर कभी भी एक विधायक को दूसरा मौका नहीं दिया है। जनता मौजूदा व्यवस्था से नाराज है और बदलाव की बात कर रही है, अब यह बदलाव किसके पक्ष में होगा ये देखने वाली बात होगी।
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