दीपक दुबे, मुंबई: मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से मिली कार की जांच NIA कर रही है। इस मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, NIA को अब एक महिला की तलाश है। बताया जा रहा है कि महिला के बारे में NIA को जानकारी ट्राइडेंट होटल से बरामद CCTV फुटेज खंगालने के बाद लगी है।
सूत्रों ने बताया कि NIA को सीसीटीवी फुटेज में सचिन वजे के हाथ में नीले रंग के पांच बैग दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक बैग में बड़ी मात्रा में कैश था जबकि दूसरे बैग में जिलेटिन की वो छड़ें मौजूद होने का अनुमान है, जिनका इस्तेमाल 25 फरवरी को किया गया था। हालांकि इस बात को अभी NIA कंफर्म नहीं कर रही है।
महिला के हाथ में नोट गिनने की मशीन
NIA ने होटल के स्कैनर की Xray रिपोर्ट भी मिली है, जिससे इन बैग में क्या है, इस बात की तस्दीक की जा रही है। वहीं NIA को होटल के सीसीटीवी फुटेज में एक महिला दिखाई दी है, जिसके हाथ में नोट गिनने की मशीन है।
NIA सूत्रों के मुताबिक, ये महिला गुजरात की रहने वाली है। अब NIA ये खोजने में जुटी है कि ये महिला आखिर कौन है और इस महिला का सचिन वाजे से क्या ताल्लुख है।
सिम कॉर्ड देने वाले को किया गिरफ्तार
मुंबई एटीएस ने गुजरात से उस व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने इस केस के एक आरोपी नरेश गौर को वो सिम कार्ड सप्लाई किए थे, जो इस मामले के मुख्य आरोपियों विनायक शिंदे और सचिन वाजे द्वारा इस्तेमाल किये गए थे। सोमवार को मुंबई एटीएस ने गुजरात से गायत्री ट्रेडर्स के मालिक किशोर ठक्कर को गिरफ्त में ले लिया। किशोर ठक्कर ने ही बुकी नरेश गौर को 14 सिम कार्ड सप्लाई किये थे, जिनमे से 5 सिम कार्ड गुनाह में उपयोग में लाये गए।
किशोर ठक्कर ने ये सिम कार्ड अहमदाबाद के बोड़कडेव स्थित वस्त्रापुर स्टोर से अपनी कंपनी के उपयोग के लिए ख़रीदे थे और बाद में इन्हें नरेश गौर को गैरकानूनी तरीके से दे दिए थे। पता चला है कि किशोर ठक्कर इससे पहले भी कई बार सट्टा बैटिंग में इन्वॉल्व नरेश गौर को सिम कार्ड सप्लाई कर चुका है।
जांच में ये पता चला है कि सचिन वाजे और विनायक शिंदे ने एजंसियों को भटकाने के लिए ही गुजरात के सिम उपयोग में लिए थे, ताकि उनपर आसानी से किसी का ध्यान न जा सके और इस दौरान उन्हें तमाम साबूत मिटाने का मौका मिल जाए। इसीलिए उन्होंने मूलतः कच्छ के निवासी और मुंबई से ऑपरेट करने वाले बुकी नरेश गौर को इस काम में लगाया । उसने गुजरात में अपने पुराने सप्लायर से ये सिम लाकर के उन्हें दिए।
इन मुख्य आरोपियों का इरादा ये था कि जांच एजेंसियां यही समझती रहे कि गुनहगार राज्य के बाहर से है, लेकिन सिम की कहानी का राज खुलने से ये साफ़ हो गया है कि एंटीलिया कांड और मनसुख की हत्या के मास्टरमाइंड ये दोनों ही है।
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