मनीष कुमार, नई दिल्ली: टैक्स अधिकारियों के टैक्स टेरर से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिलने वाली है। इनकम टैक्स विभाग ने फेसलेस टैक्स अपील की सुविधा को लॉन्च कर दिया गया है। अब अपील करने और सुनवाई में शामिल होने के लिए टैक्सपेयर्स को किसी भी दफ्तर में जाने या किसी भी अधिकारी के सामने पेश होने की जरूरत नहीं होगी। अब सभी इनकम टैक्स अपील फेसलेस टैक्स अपील के तहत ही किया जाएगा।
हालांकि ऐसे मामले जिसमें गंभीर फ्रॉड शामिल हो, टैक्स की चोरी की गई हो, सवेंदनशील सर्च के मामले, अंतरराष्ट्रीय टैक्स और कालेधन के एक्ट के तहत कारवाई के मामले में फेसलेस अपील लागू नहीं होगा। वित्त मंत्रालय ने इसे लेकर गजेट नोटिफिकेशन भी लागू कर दिया है।
गौरतलब है कि 13 अगस्त को फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर चार्टर को लॉन्च करते हुये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया था कि 25 सितंबर से फेसलेस टैक्स अपील की सुविधा को पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिवस के मौके पर शुरु किया जाएगा।
फेसलेस अपील के तहत इनकम टैक्स अपील में अब अपील के ई-एलोकेशन से लेकर नोटिस के ई-कम्युनिकेशन, ई-वेरिफिकेशन/ ई-इंक़वाइरी से लेकर ई - हियरिंग और एप्पेलेट आर्डर के ई - कम्युनिकेशन सभी ऑनलाइन होगा। टैक्सपेयर्स या फिर उनके वकील को इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी से कोई आमना सामना नहीं होगा। इस नई व्यवस्था में टैक्स तय करने में पैदा विवादों की अपील फेसलेस तरीके से संभव हो सकेगा। इसके जरिए मामलों की सुनवाई किसी भी अधिकारी को रैंडम तरीके से अलॉट कर दी जाएगी जिससे अपील पर निर्णय करने वाले अधिकारियों की पहचान ज़ाहिर नहीं हो पाएगी।
फेसलेस अपील के चलते टैक्सपेयर्स को तो फायदा होगा ही इससे अपील के आर्डर में पारदर्शिता आएगी। सीबीडीटी के मुताबिक 4.6 लाख अपील कमिश्नर के स्तर पर लम्बित है जिसमें से 88 फीसदी फेसलेस अपील प्रक्रिया के तहत निपटाया जाएगा। इस काम के लिए विभाग के मौजूदा 85 फीसदी कमिश्नरों को लगाया जाएगा।
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