नई दिल्ली: देश में सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सरकार ने देश में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इसके निर्यात (Onion export) पर पांबदी लगा दी है। डायरेक्ट्ररेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) के नोटिफिकेशन के अनुसार, सभी तरह के प्याज के निर्यात पर तुरंत पाबंदी लगा दी गई है। इसमें बैंगलुरू रोज और कृष्णापुरम प्याज भी शामिल है। प्याज की इन किस्मों के निर्यात पर अभी तक पाबंदी नहीं थी।
बताया जा रहा है कि देश में प्याज की कीमतें बढ़ गई हैं और घरेलू बाजार में इसकी कमी हो गई है। हालांकि यह कमी मौसमी है, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान पिछले कुछ महीनों में प्याज का जमकर निर्यात हुआ है। इस दौरान कीमतें बढ़कर 2500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
भारत की ओर से अप्रैल-जून के दौरान 19.8 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात किया गया। जबकि पिछले साल 44 करोड़ डॉलर के प्याज का निर्यात हुआ था। भारत से बांग्लादेश, मलेशिया, यूएई और श्रीलंका को प्याज का सबसे अधिक निर्यात होता है। रीटेल में 15 से 20 रुपये प्रति किलो बिकने वाला प्याज अभी 45 से 50 रुपये किलो बिक रहा है। आलम यह है कि सड़े हुए प्याज भी 25 रुपये किलो बेचे जा रहे हैं। एशिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी, दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का होलसेल रेट 26 से 37 रुपये किलो रहा। कारोबारियों का कहना है कि इसकी कीमतों में तेजी क पीछे प्याज की फसल का खराब होना है। दरअसल, कर्नाटक में पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से प्याज की खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि सितंबर 2019 में सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था और प्रति टन प्याज पर 850 डॉलर का एमईपी भी लगा दिया था। तब मांग और आपूर्ति में अंतर होने की वजह से प्याज की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ गई थीं। एमईपी दर के नीचे किसी वस्तु के निर्यात की अनुमति नहीं होती है।
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