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न्यूज 24 ब्यूरो, नई दिल्ली (19 जनवरी): महाराष्ट्र के शिरडी में साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर हुा विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा। शनिवार देर रात 12 बजे से ग्राम सभा ने शिरडी शहर बंद करने का फैसला लिया। हालांकि, साईं बाबा मंदिर के न्यासियों ने शनिवार को कहा कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा। शिरडी स्थित साईं मंदिर में देशभर के लाखों श्रद्धालु आते हैं।
सीएम की ओर से साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकास निधि के ऐलान के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानिय लोग मुख्यमंत्री के बयान से नाराजगी व्यक्त कर रहे है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म जिक्र कभी नहीं किया और न ही साईं चरित्र में इसके बारे में कुछ लिखा हुआ है।
शिरडी ग्राम सभा ने फैसला किया है कि जब तक मुख्यमंत्री ठाकरे अपना बयान वापस नहीं लेते हैं, तब तक उनका बंद जारी रहेगा। मुख्यमंत्री ने शिरडी के लोगों से रविवार के बंद को वापस लेने की अपील की थी। शिवसेना एमएलसी नीलम गोरे ने एक बयान जारी करके कहा है कि आने वाले सप्ताह में मुख्यमंत्री शिरडी के लोगों से मिलेंगे और इस मसले का समाधान करेंगे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पाथरी भी जाएंगे और लोगों से बातचीत भी करेंगे। वहीं बीजेपी नेता और विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शिरडी ग्राम सभा के बंद के आह्वान को समर्थन दिया है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 9 जनवरी को औरंगाबाद में साईंबाबा के कथित जन्म स्थान पाथरी शहर के लिए 100 करोड़ की विकास निधि देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री के इस फैसले का शिरडी के लोग विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि पाथरी को लेकर अगर सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तो वो कोर्ट जाएंगे।
साईं मंदिर के पूर्व ट्रस्टी अशोक खांबेकर का कहना है कि साईंबाबा ने कभी भी अपने जन्म, धर्म पंथ के बारे में किसी को नहीं बताया। बाबा सर्वधर्मसमभाव के प्रतीक थे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को गलत जानकरी दी गई है। खांबेकर का कहना है कि मुख्यमंत्री पहले साई सत चरित्र का अध्ययन करें और उसके बाद कोई फैसला लें।
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