अमित कुमार नई दिल्ली: अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर जो 68 एकड़ में फैला हुआ है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास विकास की अपनी परिकल्पना है। 68 एकड़ के परिसर में राम मंदिर के अलावा 5 निर्माण कार्य प्राथमिकता के साथ करना चाहते है क्योंकि मंदिर निर्माण के साथ ही रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जायेगा। मौजूद समय में करीब एक करोड़ श्रद्धालु और तीर्थयात्री अयोध्या आते हैं। रामलला के दर्शन के लिए और ऐसी उम्मीद है कि जब भव्य राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा तो अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या करीब करीब दुगुनी हो जाएगी। इसलिए राम मंदिर परिसर का विकास इसको ध्यान में रखकर किया जा रहा है।
श्री राम मंदिर करीब 68 एकड़ के श्रीराम मंदिर परिसर में 2.77 एकड़ पर भव्य राम मंदिर बनेगा। श्री राम मंदिर का मॉडल सबके सामने है। मंदिर के साथ ही परिक्रमा पथ बनेगा जिसपर श्रद्धालु रामलला के दर्शन के बाद उनकी परिक्रमा कर सकेंगे। इस पर एक समय 5000 से ज्यादा श्रद्धालु एक साथ परिक्रमा कर सकेंगे। ये पूरा करि साढ़े 5 एकड़ में फैला होगा। इसे दीवार से घेरा जाएगा और इसमें एक ही मुख्य द्वार होगा। मंदिर को इतना सुरक्षित बनाया जा रहा है कि करीब 1000 साल तक राम मंदिर को नुकसान न हो। इसके लिए 1200 पिलर करीब 30 से 60 मित्र गहराई में लगाये जायेंगे। उसके ऊपर राम मंदिर का निर्माण होगा जो 8 से 10 रेक्टर स्केल के भूकंप को भी झेल लेगा।
पूरे परिसर को विकसित करने के लिए भी ट्रस्ट ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है जिसमें मंदिर के आस पास कई ऐसे निर्माण कार्य किये जायेंगे जिससे मंदिर परिसर की भव्यता भी बनी रहे और श्रद्धालुओं को भी बेहतर सुविधा मिल सके। परिसर में भव्य राम मंदिर के अलावा यानी श्री राम मन्दिर का एक अपना परिसर होगा और उसके बाहर करीब 63 एकड़ में कई महत्वपूर्ण निर्माण किए जायेंगे।
अभिलेखागार, ग्रंथागार और वाचनालय- श्रीराम से जुड़े लेख, किताब , शोध सभी को यहां एकत्रित कर के रखा जाएगा। जिसमें प्रभु राम के बारे में विदेशी आक्रांताओं और भारतीय लेखकों ने भी लिखा है।
म्यूजियम- समतलीकरण और उत्खनन में मिले शिलालेख व पुरावशेष रखे जाएंगे। समतलीकरण के दौरान शिवलिंग के अलावा कई ऐसे शिलालेख मील जो ये साबित करता है कि करीब 500 साल पहले यहां राम मंदिर था।
मंदिर परिसर का प्रशासनिक भवन- प्राथमिकता में मंदिर परिसर में मंदिर के अलावा प्रसाशनिक भवन है जिसके जरिये परिसर में व्यवस्था बनाई जाएगी और छोटी बड़ी परेशानियों को हल किया जाएगा।
क्लॉक रूम- मंदिर का निर्माण पूरा होते ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा ऐसे में ट्रस्ट की प्राथमिकता में परिसर में क्लॉक रूम बनाने की है ताकि देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु अपना सामान रख सके।
रैंप या स्केलेटर- मंदिर के दूसरी मंजिल पर पहुचने के लिए रैंप या स्केलेटर बनाना जाएगा ताकि बुजुर्ग, दिव्यांग और बीमार श्रद्धालुओ को किसी प्रकार की मुश्किल ना हो।
प्रभु राम के प्रसाद का रसोई घर- ये इतना बड़ा होगा कि इस रसोई के तीन हिस्सा अन्न संग्रह स्थल, प्रसाद निर्माणशाला और पत्र धुलाई स्थल होगा।
सत्संग भवन और ऑडिटोरियम- जहां रामलीला का मंचन होसके इसके अलावा सत्संग और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन हो सकेगा।
वेद पाठशाला- यहां चारों वेद का उच्चारण और पाठ होगा।
यज्ञ शाला- यहां यज्ञ और अनुष्ठान होगा।
गौशाल- यहां गाय रखे जाएंगे, जिसके दूध गोबर का इस्तेमाल रामलला के पूजन और अनुष्ठानों में होगा।
मल्टीलेवल पार्किंग- श्रद्धालुओं और विशिष्ट अतिथियों को रामलला के दर्शन में दिक्कत ना हो इसलिए परिसर में ही करीब 500 गाड़ियों की केलिय मल्टीलेवल पार्किंग बनाया जाएगा।
इसके अलावा श्रीराम मंदिर परिसर को खास बनाया जा रहा है ताकि जब श्रद्धालु परिसर में प्रवेश कर तो उसे इस बात का एहसास हो कि वो राम मंदिर नही बल्कि राम जन्मभूमि धाम में है इसके लिए उस परिसर में कई महत्वपूर्ण निर्माण भी किये जाएंगे। मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए चार भव्य द्वार बनाये जाएंगे। प्रभु राम के जीवन की झलकियों का एक परिसर बनेगा, जिसमें जन्म से लेकर समाधि तक के सफर का झांकी होगा।
- श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों केलिए प्रतीक्षालय विश्राम भवन, धर्मशाला और विशिष्ट अतिथि गृह।
- यात्रियों के जूता चप्पल रखने के लिए स्थल।
- धूल आंधी तूफान से बचाने के लिए राम मंदिर परिसर की सीमा पर तीन स्तरीय वृक्षारोपन किया जाएगा।
- परिसर के सौन्दर्यकरण के लिए परिसर में जगह-जगह फब्बारे लगाए जाएंगे।
- छोटे-छोटे उद्यान, पंचवटी , नक्षत्रों के आधार पर वृक्षारोपण, सभी मौसम में फूल वाले पौधे और सभी प्रकार के तुलसी का उद्यान।
- सभी चारों द्वार के आसपास जनसुविधा।
- श्रीराम परिसर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर ।
- सुरक्षा के लिके चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी।
- परिसर में पोलिस स्टेशन।
- हर कोने में बाहरी छोड़ पर वाच टावर बनाये जाएंगे।
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