प्रशांत देव, नई दिल्ली: अयोध्या विकास प्राधिकरण ने राममंदिर निर्माण के लिए बने नक्शे को अपनी मंजूरी दे दी है। अयोध्या विकास प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में नक्शे को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। 274110 वर्ग मीटर ओपन एरिया और करीब 13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया का नक्शा पास किया गया है। जबकि13000 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया में राम मंदिर बनेगा।
ट्रस्ट को विकास शुल्क के साथ-साथ अनुरक्षण शुल्क पर्यवेक्षण व लेबर सेस भी देना होगा। प्राधिकरण में डेवलपमेंट शुल्क जमा होने के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। अब राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दो करोड़ 11 लाख 33 हजार 184 रुपये डेवलपमेंट शुल्क के रूप में जमा करने होंगे। इसके अलाबा लेबर सेस 15 लाख 363 रुपये भी जमा करने होंगे। प्राधिकरण में डेवलपमेंट शुल्क जमा होने के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। बैठक की अध्यक्ष कमिश्नर एमपी अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ नीरज शुक्ला, बोर्ड के पदेन सदस्य डीएम अनुज झा और बोर्ड के अन्य मेंबर बैठक में मौजूद रहे।
गौरतलब है कि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर 36 से 40 महीने में बनकर तैयार हो सकता है. मंदिर निर्माण में एक ग्राम भी लोहे का प्रयोग नहीं होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि मंदिर की आयु कम से कम एक हजार वर्ष होगी। लार्सन एंड टूब्रो कंपनी, आईआईटी के इंजीनियरों की निर्माण कार्य में मदद ली जा रही है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि मंदिर स्थल से मिले अवशेषों के श्रद्धालु दर्शन कर सके, ऐसी व्यवस्था भी की जा रही है। मंदिर निर्माण में पत्थरों का उपयोग होगा। पत्थरों की आयु के हिसाब से ही मंदिर की एक हजार वर्ष आयु का आकलन किया गया है। निर्माण कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने योग्यतम लोगों को अपने साथ जोड़ा है।
आपको बता दें कि पिछले महीने 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर की नींव के लिए शिला पूजन किया था। भूमि पूजन के लिए आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ही सीएम योगी भी मौजूद थे।
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