नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल समेत देश के पांच राज्यों में आज विधानसभा चुनावों के लिए मतदान हो रहा है। पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण जबकि केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक चरण में वोटिंग हो रही है। इन पांच राज्यों में कुल मिलाकर 475 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है।
आज केरल, तमिलनाडू और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव के तहत एक चरण में वोटिंग हो रही है। केरल की सभी 140, तमिलनाडू की सभी 234 और पुडुचेरी की सभी 30 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। जबकि बंगाल में तीसरे चरण में 3 जिलों की 31 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। वहीं असम में तीसरे और अंतिम चरण में 40 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है।
बंगाल के सियासी हालात
आपको बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस- 44, लेफ्ट- 26 और बीजेपी 3 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। 294 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।
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असम में बीजेपी की साख दांव पर
असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 39 सीटों के लिए 345 उम्मीदवार मैदान में हैं। असम में बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए और कांग्रेस गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला है। कांग्रेस इस बार बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट्र, ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और लेफ्ट पार्टियों के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है जबकि बीजेपी असम गणपरिषद के साथ उतरी है।
तमिलनाडु का सियासी समीकरण
राज्य में AIADMK और भाजपा का सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार में बने रहने के लिए ताकत झोंक रहा है, तो वहीं डीएमके-कांग्रेस की ओर से कड़ी टक्कर दी जा रही है। तमिलनाडु में यह एक पांच कोणीय लड़ाई है, हालांकि मुख्य मुकाबला एआईडीएमके और डीएमके के बीच है। इसके साथ यह लड़ाई मुख्यमंत्री एडापडी पलानीस्वामी और एम के स्टालिन के बीच भी है। ऐसा राज्य के दो कद्दावर नेता जयललिता और करुणानिधि के निधन से खाली हुई जगह के कारण भी है।
234 विधानसभा सीटें वाले तमिलनाडु ई पलानीस्वामी की अगुवाई में एआईएडीएमके की सरकार है। 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK और उसके गठबंधन दलों ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 98 सीटों के साथ DMK दूसरे नंबर पर रही थी। राज्य में डीएमके के साथ कांग्रेस सहित और भी कई छोटे दल हैं। तमिलनाडु में सरकार के गठन के लिए 118 सीटों की जरूरत होती है।
केरल के राजनीतिक हालात
केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में एलडीएफ- 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं। यहां सरकार बनाने के लिए 71 सीटों की जरूरत होती है। राज्य में पिनारई विजयन सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की सरकार है।
पुडुचेरी की ताजा स्थिति
पुदुचेरी में विधानसभा की कुल 30 सीटें हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 15 सीटें जीती थीं। ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस ने 30 सीटों पर चुनाव लड़कर सिर्फ आठ सीटें जीती थीं। अन्य के खातों में सात सीटें गई। यहां बहुमत के लिए 16 सीटें चाहिए। पुडुचेरी की राजनीति भी काफी दिलचस्प है। इसकी वजह है कि कांग्रेस अब वहां सत्ता में नहीं है। बीजेपी इस छोटे राज्य में कांग्रेस के बागियों की मदद से सरकार बनाने को इच्छुक है।
पिछले दिनों यहां बड़ी सियासी घटना देखने को मिली। सदन में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नारायणसामी ने विश्वास मत खो दिया और उन्हें विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्तीफा देना पड़ा और कांग्रेस सरकार गिर गई। हाल ही में कई कांग्रेस विधायकों और बाहर से समर्थन दे रहे डीएमके के एक विधायक के इस्तीफे के कारण केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ गई थी।
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