नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के तहत तमिलनाडु में आज वोटिंग होने जा रही है। इस चुनाव में राज्य के 6.28 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकारा का इस्तेमाल करेंगें। विधानसभा की 234 सीटों के लिए 3,998 उम्मीदवार चुनावी अखाड़े में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, एएमएमके संस्थापक टीटीवी दिनाकरण, अभिनेता एवं मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन, नाम तमीझार काच्ची के नेता सीमान और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एल मुरूगन समेत 3,998 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
यह चुनाव तय करेगा कि क्या सत्तारूढ़ AIDMK (अन्नाद्रमुक) की राज्य की सत्ता में वापसी होगी या फिर एक दशक बाद द्रमुक (DMK) सत्ता में लौटेगी। इसके साथ यह लड़ाई मुख्यमंत्री एडापडी पलानीस्वामी और एम के स्टालिन के बीच भी है। ऐसा राज्य के दो कद्दावर नेता जयललिता और करुणानिधि के निधन से खाली हुई जगह के कारण भी है।
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तमिलनाडु का सियासी समीकरण
234 विधानसभा सीटें वाले तमिलनाडु ई पलानीस्वामी की अगुवाई में एआईएडीएमके की सरकार है। 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK और उसके गठबंधन दलों ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 98 सीटों के साथ DMK दूसरे नंबर पर रही थी। राज्य में डीएमके के साथ कांग्रेस सहित और भी कई छोटे दल हैं। तमिलनाडु में सरकार के गठन के लिए 118 सीटों की जरूरत होती है।
तमिलनाडु की राजनीति में 1967 से द्रमुक और अन्नाद्रमुक को बारी-बारी से सत्ता में देखा है। हालांकि पिछले दो विधानसभा चुनावों में अन्नाद्रमुक विजयी हुई। इस चुनाव की खास बात यह कि तमिलनाडु की राजनीति के दो दिग्गजों, एम करुणानिधि और जयललिता के बिना यह पहला विधानसभा चुनाव है।
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