केजे श्रीवत्सन, जयपुरः नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप सिद्द होने के बाद ताउम्र जेल की सजा काट रहे आसाराम बापू की जमानत लेकर बाहर आने की एक और चाल पर पानी फिर गया है। आसाराम दिन पहले बिमारी का बहाने अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी जाँच के बाद सब कुछ नार्मल पाया। उन्हें फिर से अस्पातल से जोधपुर की सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया।
उधर आसराम की शिष्या शिल्पी ने जहां पुलिस से आंख चुराते हुए ना केवल उनसे मुलाकात की बल्कि जाते-जाते कह दिया की आसाराम को जमानत मिलनी चाहिए। तबीयत ठीक होने पर जब यौन शोषण के आरोपी को जेल ले जाया जा रहा था तब उनके अनुयायियों की अंधभक्ति एक बार फिर से देखने को मिली। हालांकि शिल्पी के भी अस्पताल में होने का पता चलने पर आसाराम की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया, लेकिन तब तकवह उनसे मुलाकात कर चुकी थी।
शिल्पी ने कहा कि आसाराम हमारे दादा की उम्र के हैं। एक निर्दोष को झूठे आरोप लगाकर सताया जा रहा है। ऐसे में आज मैं खुलकर बोलूंगी। आसाराम बिल्कुल दोषी नहीं है। वे इस तरह का कोई काम नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन पर किसी को दया नहीं आ रही है। उन पर लगे हुए सभी आरोप निराधार हैं। वह उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती है। ये कैसा न्याय है ? जब अन्य लोगों को जमानत मिल रही है तो आसाराम को जमानत क्यों नहीं दी जा रही है!
वहीं, अस्पताल में आसाराम की मथुरादास माथुर अस्पताल में सोनोग्राफी की गयी। ईसीजी, ब्लड और शुगर टेस्ट किये गए और जांच रिपोर्ट आने तक उन्हें फिर से आई सी यु में शिफ्ट भी किया गया, जहां उन्होंने हार्ट में दर्द के चलते सांस लेने में तकलीफ की तकलीफ की बात कही तो उसकी भी जाँच करवाई गयी।
आसाराम की सोनोग्राफी जांच में कुछ सूजन सामने आई है। ऐसे में उन्हें दवा देकर जेल ले जाने की इजाजत दे दी गयी, क्योंकि लगातार तीन दिनों से सीने में दर्द की शिकायत करने वाले खुद आसाराम ने भी एंजियोग्राफी करवाने से इन्कार कर दिया।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.