नई दिल्ली: इंदौर के सुपर कॉरिडोर एरिया से प्रशासन ने एक बार फिर कम्प्यूटर बाबा के अतिक्रमण पर बुलडोजर चला दिया। आज आईडीए की 20,000 वर्गफुट की जमीन पर सुपर कॉरिडोर से अतिक्रमण हटा दिया गया, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये है। इंदौर एडीएम एडी शर्मा का कहना है कि हमें कंप्यूटर बाबा के नाम पर कुछ रजिस्ट्रियां मिली हैं, जो भूमि लेनदेन में उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी साबित करती हैं।
इससे पहले रविवार को कम्प्यूटर बाबा के गोम्मट गिरी आश्रम को प्रशासन ने तोड़ दिया गया। इंदौर में एयरपोर्ट रोड पर जम्बूडी हप्सी गांव में बाबा का आश्रम था। वहीं, बाबा को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया। बाबा को प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत गिरफ्तार किया गया। बाबा ने हाल ही मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में शिवराज सरकार के खिलाफ 'लोकतंत्र बचाओ' यात्रा भी निकाली थी।
आरोप हैं कि गौशाला की 46 एकड़ जमीन पर कब्जा कर इसमें से 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बनाया गया। प्रशासन ने दो महीने पहले ही कंप्यूटर बाबा को नोटिस देकर कागज पेश करने को कहा था। इसके साथ ही 2 हजार रुपए का फाइन लगाकर कब्जा हटाने के लिए भी कहा था। इसके जवाब में बाबा की ओर से न तो कागज प्रस्तुत किए गए और ना ही कब्जा हटाया गया। इस पर एडीएम अजयदेव शर्मा रविवार सुबह नगर निगम की टीम और पुलिस को साथ लेकर मौके पर पहुंचे और आश्रम तुड़वा दिया। विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस ने बाबा और उनके 4 सहयोगियों को पहले ही हिरासत में ले लिया।
कम्प्यूटर बाबा राजनीति में गहरी दिलचस्पी रखते हैं। लोकसभा चुनाव में उन्होंने साध्वी प्रज्ञासिंह का विरोध किया था। हालांकि पहले शिवराज सरकार ने नर्मदा नदी के किनारे पेड़ लगाने में हुए कथित घोटाले के खिलाफ मार्च 2018 में यात्रा निकालने के बाद बनाई कमेटी में कम्प्यूटर बाबा को भी शामिल कर उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था। लेकिन इसके बाद कम्प्यूटर बाबा कांग्रेस के पक्ष का प्रचार करने लग गए। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में यज्ञ किया था। दिग्विजय सिंह ने बाबा का आश्रम तोड़े जाने को राजनीतिक बदले की कार्रवाई से प्रेरित बताया है।
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