विनोद जगदाले, मुंबई: स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार किसानों को उनके खेती के उत्पादन को दाम मिले इस मांग को लेकर अन्ना हजारे आमरण अनशन आंदोलन करने वाले हैं। अन्ना ने कहा है कि राम का नाम लेने वाले अपना वचन भूल रहे हैं। इसलिए अनशन का फैसला लिया गया है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार उनकी मांग मानी जाए इसलिए केंद्र को कई बार अन्ना ने खत लिखे, लेकिन एक भी खत का जवाब नहीं आया।
अन्ना ने बताया कि वो यह अनशन दिल्ली के रामलीला मैदान पर करना चाहते थे, जिसके लिए जरूर इजाजत के लिए उन्होंने कई खत लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए अब अपने गांव रालेगण सिद्धि में अन्ना ने आंदोलन का हथियार उठाने का फैसला किया है।
किसानों की इन्हीं मांगो के लिए 30 जनवरी 2018 को अन्ना ने आंदोलन किया था तब तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ पीएमओ ने मांगें मान कर उस पर अमल करने को लेकर लिखित पत्र अन्ना के हाथों में थमाया गया लेकिन अबतक मांगे मानी नहीं गईं, जिससे अन्ना गुस्साए हैं।
अन्ना आंदोलन पर ना बैठें, इसलिए पिछले सप्ताह भर से महाराष्ट्र भाजपा के कई नेता अन्ना की चौखट पर जाकर खाली हाथ वापस आ चुके हैं। अन्ना ने ऐलान किया है कि अब कोई भी नेता आकर मिले लेकिन आंदोलन अब पीछे नहीं लिया जाएगा।
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