नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में वास्तिक नियंत्रण रेखा पर तनाव के चलते योगी सरकार ने भी चीन को बड़ा आर्थिक झटका दे दिया है। यूपी के किसी भी प्रोजेक्ट में अब चीनी कंपनी सीधे टेंडर नहीं डाल सकेगी। राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों को इस प्रतिबंध को लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी खरीद में चीन समेत कुछ निश्चित देशों के बिडर्स और कंपनियों के शामिल होने पर रोक लगाई गई है।
- सभी विभागों को दी जानकारी
सरकार की ओर से विभागों को इस बारे में पत्र के जरिए विस्तार से जानकारी दी गई है। इस मामले में सरकार प्राधिकरण का गठन करेगी, जिसमें संबंधित देशों की कंपनियों को पंजीकरण कराना होगा। यहां रजिस्ट्रेशन से पहले इन कंपनियों को रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय से राजनीतिक अनुमति और गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी। केंद्र की अनुमति के बाद पंजीकरण होगा और उसके बाद हर तीन महीने के अंतराल पर राज्य की ओर से एक रिपोर्ट कंपनी को लेकर केंद्र को भेजी जाएगी।
- राज्य सरकार ने पहले भी लिया था सख्त फैसला
इससे पहले भी राज्य सरकार ने कुछ चीनी कंपनियों का टेंडर रद्द कर दिया था।यूपी सरकार के साथ साथ भारत सरकार ने भी रेलवे और अन्य अहम क्षेत्रों में चीनी कंपनियों पर रोक लगाई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़े रोड प्रोजेक्ट में भी चीन की एंट्री रोक दी थी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन की चालबाजी को किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
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