नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि कानून सिर्फ किसानों के ही खिलाफ नहीं है, बल्कि देश की आम जनता के खिलाफ है और इससे महंगाई बढ़ेगी।
केजरीवाल ने कहा कि चंद पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए कानून लाया गया है। कानून में लिखा है कि जब महंगाई दोगुनी हो जाएगी, तभी छापेमारी की जा सकती है। मैं मुख्यमंत्री हूं, इसके बावजूद छापेमारी नहीं कर सकता हूं, क्योंकि काले कानून ने मेरे हाथ बांध रखे हैं। सीएम ने कहा कि किसी भी देश की नींव किसान और जवान होते हैं, जिस देश के किसान और जवान संकट में हों, वो देश कैसे तरक्की कर सकता है? कुछ लोग किसानों को आतंकवादी बता रहे हैं। मेरी उनसे अपील है कि वे अपनी गंदी राजनीति बंद करें।
फौजी, खिलाड़ी, बॉलीवुड हस्तियां, वकील और डॉक्टर सभी लोग किसानों के साथ खड़े
किसान और जवान किसी भी देश की नींव होते हैं। अगर किसान और जवान संकट में हो, तो देश आगे तरक्की कैसे कर सकता है और वो देश खुशहाल कैसे हो सकता है? जिस किसान को खेतों में होना चाहिए, वह इतनी कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठा है। मुझे खुशी इस बात की है कि पूरा देश आज किसान के साथ खड़ा है। देश भर में फौजी, खिलाड़ी, बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी हस्तियां, वकील और डॉक्टर सहित अन्य किसानों के साथ खड़े हैं।
किसानों का यह आंदोलन बहुत पवित्र है, कहीं भी कोई हिंसा नहीं हुई
केजरीवाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि आम आदमी पार्टी के बहुत सारे लोग सेवादार बनकर किसानों की सेवा करने के लिए गए हैं, मैं ऐसे हमारे कई विधायकों व नेताओं को जानता हूं। मैंने उनको कह दिया था कि कोई टोपी पहनकर, झंडा-डंडा लेकर नहीं जाएगा। वहां पर आम आदमी पार्टी का जिक्र नहीं करना है। देश बचेगा, तो आम आदमी पार्टी बचेगी। किसान बचेगा, तो आम आदमी पार्टी बचेगी। आप में से बहुत सारे लोग दिन-रात वहां पर सेवा में लगे हुए हैं। आप भी सेवादार बन कर गए और मैं भी सेवादार बन कर गया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले हफ्ते जब किसानों का भारत बंद आंदोलन था, तो मैं भी एक दिन वहां जाना चाह रहा था, लेकिन इन्होंने मेरे दरवाजे बंद कर दिए। मेरे को वहां जाने नहीं दिया, लेकिन अपने को क्या फर्क पड़ता है। मैंने घर बैठकर किसानों के लिए प्रार्थना कर ली। प्रभू से प्रार्थना कर ली कि हे प्रभू! किसानों का आंदोलन सफल रहे। यह आंदोलन बहुत पवित्र है। आप लोगों ने देखा होगा कि कहीं भी किसी तरह की बिल्कुल हिंसा नहीं हुई। किसानों ने लाठियां खाईं, लेकिन हाथ नहीं उठाया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन किसी ने हाथ नहीं उठाया। पूरी तरह से अहिंसा के रूप में आंदोलन चल रहा है।
किसानों को बदनाम करने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दुख होता जब किसानों के ऊपर तरह-तरह के आरोप लगाकर उनको बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। वे कह रहे हैं कि किसान आंतकवादी, देशद्रोही, टुकड़े टुकड़े गैंग के सदस्य हैं। किसान चीन और पाकिस्तान के एजेंट है। यहां जो किसान बैठे हैं, इन्हीं लोगों के भाई, बेटे चीन और पाकिस्तान की सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं। ये जितने नेता और जो-जो लोग कह रहे हैं कि किसान चीन और पाकिस्तान के एजेंट हैं, मैं इनको कहना चाहता हूं कि एक दिन आप अपने बेटे-बेटियों को चीन और पाकिस्तान की सीमा पर भेज कर देखिए, तब पता चलेगा कि कलेजे पर क्या बीतती है। आप लोग यह सोच कर देखिए कि देशभर में कितने ऐसे किसान हैं, जिसके दो बेटे हैं, एक किसान बन गया और एक जवान बन गया है। कितने परिवार हैं, जिनका एक बेटा फौज में है और एक बेटा खेत में है। जब इनका बेटा फौज में सीमा पर सुनता है कि मेरे भाई को आतंकवादी कहा जा रहा है, जब वह सुनता है कि मेरे पिता को आतंकवादी कहा जा रहा है, जो आज सिंघु बॉर्डर पर बैठे हैं तो उसके दिल पर क्या गुजरती होगी, यह सही नहीं हो रहा है। जितने लोग राजनीति के तहत किसानों को गालियां दे रहे हैं, भला बुरा बोल रहे हैं, मैं उनसे हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं कि यह गंदी राजनीति बंद करें।
कृषि कानून से बढ़ेगी महंगाई
केजरीवाल ने कहा कि यह कानून केवल किसानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह कानून इस देश की आम जनता के खिलाफ है। इस कानून के आने से महंगाई बेइंतहा बढ़ेगी। सीएम ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि हमारी दिल्ली में सरकार है और हमें पता चलता है कि प्याज महंगा हो गया है। ऐसे में हम पता करते हैं कि किस-किस ने प्याज की जमाखोरी कर रखी है। महंगाई इसलिए होती है, क्योंकि कुछ लोग सारा प्याज खरीद कर अपने स्टोर में जमा कर लेते हैं। मार्केट में प्याज नहीं आता है और प्याज की कमी हो जाती है। इसलिए प्याज महंगा हो जाता है। दाल क्यों महंगी होती है। कुछ चंद पैसे वाले लोग सारी दाल खरीद कर अपने स्टोर में जमा कर लेते हैं। दाल महंगी हो जाती है और दाल की कमी हो जाती है। ऐसे में फिर सरकार क्या करती है? सरकार उनके गोदाम में छापे मारकर वो दाल बाहर निकालती है। मार्केट में जब दाल आती है, तो दाल सस्ती हो जाती है।
इस कानून में लिखा है कि कोई भी व्यक्ति कितनी भी जमाखोरी कर सकता है। अभी तक जमाखोरी करना कानून में भी अपराध माना जाता था और शास्त्रों में भी पाप माना जाता था। किसी भी धर्म के शास्त्र उठाकर देख लो उसमें कहते थे कि जमाखोरी करना पाप है। कानून में कहते थे कि अपराध है। हर वस्तु के जमा करने की सीमा होती थी। यदि चना है, तो दस हजार क्विंटल से अधिक स्टोर नहीं कर सकते। गेंहू है, तो इतने से ज्यादा जमा नहीं कर सकते। हर वस्तू की एक सीमा तय कर रखी थी। अब यह सीमा खत्म हो गई है और कोई भी आदमी कितना भी जमा कर सकता है। जिन-जिन लोगों के पास पैसा है वह दो-दो, तीन-तीन साल तक के लिए सामान स्टोर करके रख लेंगे। फिर कितनी महंगाई हो जाएगी?
चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून
इस कानून में लिखा है कि अगर एक साल में महंगाई दोगुनी हो जाएगी, तभी सरकार छापामारी कर सकती है। महंगाई दोगुनी नहीं होने पर सरकार छापामारी नहीं कर सकती है। मैं मुख्यमंत्री हूं और मेरे को पता है कि दाल के दाम बढ़ रहे हैं। उक्त व्यक्ति ने दाल की जमाखोरी कर रखी है। अब मेरे हाथ काट दिए है, मैं छापेमारी नहीं कर सकता और उसकी दाल बाहर नहीं निकल सकता। नए कानून में लिखा है कि जब तक दाल की कीमत दोगुनी नहीं हो जाएंगी, तब तक छापेमारी नहीं की जा सकती। मान लीजिए इस साल गेंहू 10 रुपये किलो हैं और अगली साल जब तक गेहूं 20 रुपए किलो नहीं हो जाता, तब तक मैं छापेमारी नहीं कर सकता। अगले साल 40 रुपए किलो, उससे अगली साल 80 रुपए किलो और उससे अगली साल 160 रुपए किलो नहीं हो जाएगा, तब तक छापेमारी की कार्रवाई नहीं होगी। ऐसे में 4 साल के अंदर गेहूं 16 गुना महंगा हो जाएगा। इतनी महंगाई हो जाएगी कि तनख्वाह बढ़ेगी नहीं और बच्चे पालने मुश्किल हो जाएंगे। यह पूरा कानून किसानों और आम आदमी के खिलाफ है। केवल चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून लाया गया है।
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