नई दिल्लीः यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे कपिल सिब्बल अपने बयानों को लेकर इन दिनों सुर्खियों का विषय बने हुए हैं। लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन और सीएम अशोक गहलोत की नसीहत के बाद भी कपिल सिब्बल ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला है। कपिल सिब्बल ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी अब असरदार विपक्ष नहीं रह गई।
सिब्बल ने दावा किया कि कांग्रेस अपने संगठन को मजबूत करने का कोई प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने एक साल से भी ज्यादा वक्त से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं हो पाने का मुद्दा फिर से उठाते हुए पार्टी के कामकाज के तरीकों पर गहरी नाराजगी जाहिर की। कहा कि राहुल गांधी ने डेढ़ साल पहले पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ा था। सिब्बल ने सवाल किया, 'कोई राजनीतिक दल डेढ़ साल तक बिना किसी लीडर के कैसे काम कर सकता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पता ही नहीं है कि उन्हें जाना कहां है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हालिया चुनावों से स्पष्ट हो गया कि यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस का कोई प्रभाव नहीं बचा है। इसके अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां कांग्रेस का सीधा मुकाबला बीजेपी से था, वहां नतीजे बेहद खराब आए। उन्होंने कहा, 'हम गुजरात की सभी आठ सीटें हार गए। 65% वोट बीजेपी के खाते में चले गए, जबकि ये सीटें पाला बदलने वाले कांग्रेसियों ने खाली की थीं। मध्य प्रदेश में सभी 28 सीटें कांग्रेस विधायकों के पाला बदलने के कारण ही खाली हुई थीं, लेकिन पार्टी सिर्फ आठ सीटें जीत पाई।' सिब्बल ने कहा, 'जहां भी सीधे बीजेपी से दो-दो हाथ होता है, हम वहां असरदार विकल्प साबित नहीं हो पा रहे हैं। कुछ-न-कुछ तो जरूर गलत हो रहा है।
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल सहित 23 नेताओं ने पार्टी की समस्याओं को उठाते हुए जुलाई में सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। पार्टी में कुछ नेताओं को जिम्मेदारी तय करने का यह खत काफी चर्चा में रहा था, जिसमें राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी शामिल थे। चिट्ठी लिखने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं में कुछ अलग-अलग तरह की बातें आगे बढ़ती जा रही हैं।
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