नई दिल्ली: नागरिक सुरक्षा (संशोधन) अधिनियम या सीएए के खिलाफ एक कथित भाषण के लिए उत्तर प्रदेश के डॉक्टर कफील खान को सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत जेल में डाल दिया गया। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद उसको बुधवार आधी रात को मथुरा की जेल से रिहा कर दिया गया।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उसकी नजरबंदी को अवैध बताया और सरकार को उन्हें तत्काल मुक्त करने का आदेश दिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा था कि डॉक्टर के भाषण में नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने का कोई सबूत नहीं मिला है। डॉक्टर कफील खान रिहाई के तुरंत बाद राजस्थान के भरतपुर चले गए, यहां पर उन्होंने कहा, "मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं, जिसने एक उत्कृष्ट आदेश दिया है, जिसने स्पष्ट रूप से कहा है कि मेरा भाषण हिंसा को भड़काने के लिए नहीं था और अंतिम रूप से एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) का, जिसने मुझे मुंबई से मथुरा लाते समय मुझे नहीं मारा।''
उन्होंने कहा, 'रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा (राजा) को राजधर्म के लिए काम करना चाहिए। यूपी में राजा राजधर्म का पालन नहीं कर रहे हैं, बल्कि बाल हठ (एक बच्चे की तरह हठी होना) कर रहे हैं।' अदालत के फैसले के बाद जब जेल अधिकारियों ने डॉक्टर को घंटों तक मुक्त नहीं किया तो उनके परिवार ने कहा था कि वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक अवमानना याचिका दायर करेंगे।
डॉक्टर खान की मां नुजहत परवीन ने कहा कि वह आखिरकार अपने बेटे को लंबे समय के बाद देख, छू और महसूस कर सकेंगी। उन्होंने बताया कि मुझे बहुत खुशी है कि मेरा बेटा जेल से बाहर आ रहा है। मैं उसे देख सकता हूं, उसे छू सकता हूं और उसे महसूस कर सकता हूं। मेरा बेटा एक अच्छा इंसान है और वह कभी भी देश या समाज के खिलाफ नहीं है। आज मेरी बहू का जन्मदिन है और हम मथुरा में उसके साथ केक लेकर जा रहे हैं।"
डॉक्टर खान पर पिछले साल के अंत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक वार्ता में सीएए के खिलाफ उनके भाषण के लिए एनएसए लगाया गया था। यूपी के गोरखपुर के डॉक्टर को 29 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उनपर पहली बार धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए आरोप लगाया गया था, इस साल 10 फरवरी को जमानत दिए जाने के दो दिन बाद उसपर एनएसए लगाया गया था।
2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण गोरखपुर के एक सरकारी अस्पताल में 60 से अधिक बच्चों की मौत में उनकी भूमिका के लिए डॉक्टर खान को भी निलंबित करते हुए गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। पिछले साल सितंबर में डॉक्टर खान ने दावा किया था कि यूपी सरकार की रिपोर्ट ने उनपर लगाए गए सभी आरोपों में बरी कर दिया है, लेकिन राज्य सरकार ने इससे इनकार किया है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.