के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान में भी कोरोना टीकाकरण अभियान का प्रचंड तरीके से सकारात्मक सोचा के साथ आगाज हो चुका है। शनिवार को 167 केंद्रों पर टीकाकरण की शुरुआत की गई। भले ही अजमेर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वीबी सिंह को पहला टीका लगाया गया लेकिन औपचारिक रूप से जयपुर एसएमएस अस्पताल के प्रिंसिपल सुधीर भंडारी को पहला टीका लगा। खास बात यह है की टीका लगवाने वालों में 94 साल के एक रिटायर डॉक्टर भी शामिल है।
वक्त था दोपहर के 12 बजकर 44 मिनट और जगह थी राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एस एम् एस के धंवन्तरी ब्लॉक। टीकाकरण की शुरुआत का यह वही सुखद नजारा है, जिसका सभी को इंतजार था। खास बात यह है कि जिस डॉक्टर ने उत्तर भारत के अबसे पहले कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज शुरू किया था सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के उसी प्रिंसिपल डॉ सुधीर भंडारी को कोरोना का यह पहला टीका भी लगा।
भले ही खुद पेशे से सीनियर डॉक्टर्स हैं और कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज से जब दवाईयां और जांच व्यवस्था तक नहीं थी, तब से मरीजों को संभालने में जुटे डॉ भंडारी ने रजिस्ट्रेशन से लेकर वैक्सीनेशन और आधे घंटे के ऑब्जरवेशन तक की सभी प्रक्रियाओं का पालन किया और अब उनका कहना है कि वे खुद 8 महीने से कोरोना संक्रमण की जंग का दौर देख रहे थे, ऐसे में वैक्सीनेशन शुरू होने के साथ ही उनका इंतजार भी खत्म हो गया।
हालांकि दिल दिमाग सब अलग सोच रहे थे, लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी कि सब मंगल ही होगा। अब डॉ सुधीर भंडारी चाहते हैं कि आम जनता भी सकारात्मक सोच के साथ आगे आये और वेक्सिनेशन को लेकर मेडिकल उपलब्धि और इसके साथ ही दुष्प्रचार को एक साथ जोड़कर ना देखे।
जब सुधीर भंडारी टीका लगवा रहे थे तो उनकी पत्नी भी वहां मौजूद थीं। उनका कहना है कि पिछले दस महीनों में संक्रमण के आने के साथ से उनके परिवार ने भी काफी परेशानियां देखी थी, इलाज के दौरान परिवार के सभी लोग एक बार संक्रमित भी हुवे थे और उनके पति डॉ भंडारी खुद देर रात तक संक्रमित मरीजों का इलाज करके घर लौटते, लेकिन कभी उन्होंने हिम्मत नहीं खोई।
वेक्सिनेशन के पहले दिन एक सकारात्मक पहलू यह भी रहा की एक 94 साल के बुजुर्ग भी टीका लगवाने आ गए यह और कोई नहीं बल्कि एस एम एस मेडिकल कॉलेज में सालों छात्रों को मेडिसन की पढ़ाई कराने वाले प्रोफेसर पीसी भंडारी थे। न्यूज़ 24 से बातचीत में उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कल रात अमेरिका में रहने वाले अपने बेटे को वेक्सिन लगाने के अपने फैसले के बारे में बताया तो पूरा परिवार ही चौंक गया लेकिन सबके सकारात्मक विचार के लिए उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित किया।
वैसे टीका आ गया और 167 सेंटरों पर टीकाकरण शुरू हो गया, प्रदेश के हर व्यक्ति को टीका लगाने में एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। तब तक, सभी के लिए COVID 19 से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन करना और 28 दिन बाद इसकी दूसरी डोज़ लगाने के लिए भी आगे आना होगा। वैसे राजस्थान में टीकाकरण के पहले दिन कुछ अव्यवस्थाएं भी देखने को मिली।
यहां प्रिंसिपल सुधीर भंडारी को पहला टीका लगना था, लेकिन पूरा एस एम् एस अस्पताल का स्टाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उद्घाटन की औपचारिकता पूरी करने में लगा रहा जिसके चलते वैक्सीनेशन शुरू होने में करीब 2 घंटे से ज्यादा की देरी हो गई और सरकार के विडियो कोंफ्रेंसिंग के जरिये औपचारिकता निभाने के चलते दूसरे अस्पतालों में समय से शुरू हुए टीकाकरण में 4 हज़ार से भी ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगा भी दी गई, जबकि मुख्य सेंटर एस एम एस अस्पताल में बुलाए गए हेल्थ वर्कर को काफी इंतजार करना पड़ गया। 12.44 पर पहला टीका सुधीर भंडारी को लगा। जिसके बाद सभी एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीसी से जुड़ गए।
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