नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान मार्च में शामिल होकर दिल्ली में हिंसा फैलाने वाले 200 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए सभी लोगों से पूछताछ जारी है। सभी लोगों पर पुलिसवालों पर हमला, सरकारी संपत्ति को नुकसान और हिंसा करने का आरोप है।
इससे पहले केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। जैसे ही मंत्री ने लाल किले का दौरा किया, वहां स्मारक पर हुई बर्बरता के भयानक दृश्य सामने आए, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ने और सुरक्षाबलों के साथ झड़प के बाद परिसर में एंट्री की थी।
प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने भी किले की प्राचीर पर चढ़कर अपना झंडे फहराया। आज सामने आए दृश्यों में कांच के टूटे हुए हिस्से, कागज के बिखरे हुए टुकड़े और एक बर्बरता का शिकार हुआ टिकट काउंटर दिखाई दिया। टूटे मेटल डिटेक्टर गेट और पुलिस कर्मियों की टोपी भी जमीन पर पड़ी देखी जा सकती है।
कुल मिलाकर दिल्ली पुलिस ने कल हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं। अधिकारियों ने कहा कि कल हुई झड़पों में 300 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने हिंसा की जांच शुरू कर दी है और दोषियों की पहचान करने के लिए कल से वीडियो और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कुछ किसान नेताओं को एफआईआर होगी दर्ज: रिपोर्ट
दिल्ली पुलिस को उस जगह पर खून से सनी टोपी, जूते मिले, जहां से प्रदर्शनकारियों द्वारा पीछा किए गए कर्मचारी लाल किले के पास खाई में कूद गए थे। प्रदर्शनकारियों द्वारा टिकट काउंटर, वाशरूम को नुकसान पहुंचाया गया है।
22 एफआईआर में से 5 एफआईआर बाहरी दिल्ली जिले में दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ 'किसान नेताओं' पर भी पुलिस एफआईआर दर्ज कर सकती है।
अपराध शाखा द्वारा होगी जांच: दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने कल की हिंसा को लेकर IPC Sec 395 (डकैती), 397 (डकैती, या डकैती, मौत या दुख पहुंचाने की कोशिश के कारण), 120बी (आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जाएगी।
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