नई दिल्लीः देश में कोरोना के खिलाफ संजीवनी करीब 10 दिन के भीतर अपना काम शुरू करने वाली है। बस चंद दिनों में किलर कोरोना की कहानी खत्म होने वाली है। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल पर मुहर लग चुकी है और अब टीकाकरण से पहले वैक्सीन को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की तैयारी तेज हो गई है। सरकार ने 14 जनवरी से पूरे देश में टीकाकरण की शुरुआत करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वैक्सीन को पुणे के सीरम इंस्टीट्य़ूट से पूरे देश में पहुंचाने के लिए एक खास नेटवर्क तैयार किया गया है।
- क्या है प्लानिंग?
प्लानिंग के मुताबिक कोविशील्ड की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स से खास वैन से वैक्सीन के डोज को रवाना किया जाएगा। खास वैन से वैक्सीन्स को एयरपोर्ट तक पहुंचाने की योजना है। स्पेशल वैन के जरिए वैक्सीन की खेप को देश के 4 कोल्ड स्टोरेज करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता तक पहुंचाया जाएगा। उसके बाद देश के इन चार कोल्ड स्टोरेज वैक्सीन्स को देश के 41 शहरों तक पहुंचाने की तैयारी है। इस टीकाकरण अभियान के लिए सरकार ने देश भर में क़रीब 29 हज़ार कोल्ड स्टोर तैयार किये हैं और देश के 41 शहरों में कोरोना वैक्सीन सप्लाई करने 100 से ज्यादा फ्लाइट उडेंगी। इसके अलावा जिन जगहों की कनेक्टीविटी एयरपोर्ट से नहीं हैं वहां रास्तों के जरिए टीके भेजेने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
- वैक्सीन इन कोरोना आउट
भारत सरकार का लक्ष्य जुलाई 2021 तक 30 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन देने का है। इसे विश्व का 'सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान' भी कहा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक देश के चार बड़े कोल्ड सेंटर पर सेंट्रल सर्वर के जरिए वैक्सीन टेम्परेचर को निगरानी में रखा जायेगा। ये स्टोर टीकों को जरूरत के हिसाब से इकठ्ठा करेंगे और फिर उन्हें आसपास के गांवों और शहरों में वितरित कर देंगे।
नए साल के शुरूआती तीन दिनों में दो देसी वैक्सीन्स को इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिलने के बाद देश के 125 जिलों में टीकाकरण का ड्राई रन कर सभी व्यवस्थाओं को परखा जा चुका है। देश के कई राज्यों में टीककरण के दौरान सामने आ रही खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा ड्राइ रन करवाए जा रहे हैं। वैक्सीनेशन की मुहिम के लिए बुधवार से स्पेशल उड़ानों की शुरूआत हो चुकी है।
- पहले फेज़ में फ्रंट लाइनर्स को वैक्सीन
कोरोना वैक्सीनेशन शैड्यूल के तहत पहले 3 करोड़ फ्रंड लाइन कोरोना वॉरियर्स को वैक्सीन की डोज लगाई जाएगी। इनमें डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिस, सुरक्षाबालों, सफाईकर्मी आदि शामिल हैं, लेकिन वैक्सीनेशन के लिए पहले उन्हें खुद को रजिस्टर्ड कराना होगा। प्रत्येक विभाग के पास कमी का डेटा मौजूद है, ऐसे में किसे कब वैक्सीन लगनी है विभाग उसे जानकारी दे देगा।
ऐसे में जब दोनों डोज लग जाएंगी तो कर्मियों को डिजिटल सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक भारत में पहले फेज में करीब 40 करोड़ लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा और इसके लिए सरकार ने करीब 100 करोड़ डोज को देशभर में पहुंचाने की तैयारी पूरी कर ली है।
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