प्रशांत देव, नई दिल्ली : फेसबुक डेटा चोरी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रावई की है। सीबीआई ने कैम्ब्रिज एनालिटिका और यूके की कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ब्रिटेन स्थित राजनीतिक परामर्श फर्म कैंब्रिज एनालिटिका और यू के की कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च पर 5।62 लाख भारतीय फेसबुक उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डाटा को कथित तौर पर इकट्ठा करने का आरोप है।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि फेसबुक-कैंब्रिज एनालिटिका डाटा चोरी मामले की सीबीआई जांच की जाएगी। सीबीआई को प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया कंपनी ने कहा था कि जीएसआरएल ने भारत में अवैध रूप से लगभग 5।62 लाख उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डाटा को एकत्र किया और इसे कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा किया।
सीबीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भारतीयों के कथित डेटा हार्वेस्टिंग के सिलसिले में सीए और फेसबुक द्वारा साझा किए गए विवरणों की जांच की थी। फेसबुक ने बताया कि संभावित रूप से 5।62 लाख भारतीय उपयोगकर्ताओं के डेटा को अवैध रूप से हार्वेस्ट किया गया होगा। जबकि सीए लिमिटेड ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जवाब नहीं दिया है। प्राथमिकी से पता चला है कि कोगन ने एक एप्लिकेशन बनाया है, जिसका नाम 'थिसिसयोरडिजिटललाइफ' है।
सीबीआई को भेजे अपने जवाब में सोशल मीडिया कंपनी ने कहा था कि GSRL ने भारत में अवैध रूप से लगभग 5।62 लाख यूजर्स के पर्सनल डेटा इकट्ठा किए और इसे कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ शेयर किया। आरोप है कि कंसल्टिंग फर्म ने तब डेटा का इस्तेमाल भारत में चुनावों को प्रभावित करने के लिए किया था।
क्या है पूरा मामला
मार्च 2018 में, कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने कैम्ब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारियों, सहयोगियों और दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि फर्म ने उनकी अनुमति के बिना 50 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं के फेसबुक प्रोफाइल से निजी जानकारी चुराई। इसके बाद सीबीआई ने आरोपों पर कैंब्रिज एनालिटिका और जीएसआरएल के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की।
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