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News24
नई दिल्लीः अमेरिका के न्यूयार्क शहर में हंसती खेलती जिंदगियां जब मातम में बदल गई, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा हमला करार भी दिया जाता है।
कुछ चरमपंथियों ने पूर्वी अमेरिका की शुमार इमारतों को निशाना बनाया और धरती को लहूलुहान कर दिया, जिसे आज 9/11 के नाम से जाना जाता है। इस हमले से अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया सहम गई थी।
आतंकियों ने अमेरिकी चार यात्री विमानों को हाईजैक कर वर्ल्ड ट्रेड सेंटर स्थित ऊंची इमारतों पर हमला किया। 110 मंजिला इमारत धुए से घिर गई, जिसमें दम घुटने से 2958 लोगों की मौत गई, जबिक 19 चरमपंथी भी मारे गए।
यह वो दिन था, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश देश के इतिहास का काला दिवस कहा था। इन हमलों की जिम्मेदारी आतंकी अलकायदा ने ली थी।
हमले के बाद तितर-बितर लाशें देख हर किसी का दिल दहल उठा और आतंकियों के गुनाह की सजा देने की संकल्प लिया गया।
वर्ल्ड ट्रेड टॉवर से जब पहला विमान टकराया था तब एक अनुमान के अनुसार इमारत में करीब 1700 लोग मौजूद थे। उत्तरी टॉवर में जहां विमान टकराया था, उससे ऊपर मौजूद कोई व्यक्ति जान नहीं बचा सका।
दक्षिणी टॉवर में जहां विमान टकराया, उससे ऊपर की मंज़िलों में केवल 18 लोगों की जान जरूर बची। इतना ही नहीं मारे गए लोगों में 77 देशों के नागरिक शामिल थे।
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न्यूयॉर्क सिटी में मलबे की चपेट में आने से भी 441 लोगों जान चली गई थी। इस हमले में हज़ारों लोग घायल हुए थे या बाद में बीमार हो गए।
जमीन पर पड़ी लाशें लोगों को रोने के लिए मजबूर कर रही थी। किसी के सिर से मा- बाप का साया उठ गया तो किसी का सुहाग उजड़ गया, मां की गोद सूनी हो गई।
हर किसी ने कुछ ना कुछ खोया था। लोग छाती पिट-पिटकर अपनों की तलाश कर रहे थे, लेकिन वहां मिलने वाला कोई नहीं था। लाशों के सैलाब को देख चरमपंथियों को कोसने वालों की आंखों में आंसू थे।
अलकायदा ने ली थी हमले की जिम्मेदारी
इस्लामी चरमपंथी समूह अल क़ायदा ने खौफनाक हमलों की जिम्मेदारी ली थी। अल क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने मुस्लिम देशों में छिड़े संघर्ष के लिए अमेरिका व साथी देशों को ज़िम्मेदार बताया था।
अल क़ायदा के 19 हमलावरों ने इस घटना को अंजाम दिया था। तीन समूह में पांच-पांच हमलावर थे, जबकि चौथी टीम (पेन्सेल्विनिया में क्रैश विमान) में चार हमलावर शामिल थे।
इन 19 में 15 चरमपंथी सऊदी अरब से थे, जबकि दो संयुक्त अरब अमीरात के सदस्य थे। एक-एक चरमपंथी मिस्र और लेबनान से आत्मघाती दस्ते में शामिल था।
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